महाराष्ट्र में निकाय चुनाव की तैयारी जारी है. इस बीच अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की प्रबंधन समिति की बैठक मुंबई प्रदेश कार्यालय में पूर्व मंत्री नवाब मलिक के नेतृत्व में संपन्न हुई. मुंबई महा-नगरपालिका (बीएमसी) चुनाव प्रबंधन समिति के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी मिलने के बाद नवाब मलिक ने चुनावी तैयारी को गति दी है.
नवाब मलिक ने सेवा दल, महिला, विद्यार्थी, ओबीसी, सामाजिक न्याय, सहकार, असंघटित कामगार, हिंदी भाषी, अल्पसंख्यक और झोपड़पट्टी सेल के प्रमुखों के साथ बैठक कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए.
बैठक में मुंबई कार्याध्यक्ष सिद्धार्थ कांबले और शिवाजीराव नलावडे, विधायक सना मलिक-शेख, पूर्व विधायक ज़ीशान सिद्दीकी, प्रदेश उपाध्यक्ष भास्कर विचारे, प्रदेश प्रवक्ता संजय तटकरे, मुंबई सरचिटणीस राजू घुगे, आमंत्रित सदस्य दक्षिण मुंबई जिलाध्यक्ष महेंद्र पानसरे और ईशान्य मुंबई जिलाध्यक्ष सुरेश भालेराव उपस्थित थे.
बीजेपी उठा चुकी है सवाल
बीजेपी ने अतीत में कई बार नवाब मलिक के अजित पवार की एनसीपी धड़े में शामिल होने पर आपत्ति जताई है. दिसंबर 2023 में तत्कालीन उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अजित पवार को पत्र लिखकर महायुति गठबंधन में मलिक के प्रवेश पर आपत्ति जताई थी.
उन्होंने देशद्रोह और आतंकवाद से जुड़े आरोपों का हवाला दिया था. अक्टूबर 2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी के मुंबई अध्यक्ष आशीष शेलार ने अजित पवार की आलोचना करते हुए कहा था कि बीजेपी उन लोगों से नहीं जुड़ सकती जिन पर गंभीर आरोप हैं. उन्होंने स्पष्ट किया था कि बीजेपी एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में चुनाव लड़ेगी और मलिक के लिए प्रचार नहीं करेगी.
अक्टूबर 2024 में ही बीजेपी के महाराष्ट्र अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने भी मलिक की उम्मीदवारी पर पार्टी की चिंताएं दोहराईं और उनके कथित अंडरवर्ल्ड कनेक्शन का मुद्दा उठाया. बीजेपी के पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने भी मलिक को “आतंकवादी” करार दिया और आरोप लगाया कि अजित पवार की एनसीपी ने उन्हें टिकट देकर देश के साथ विश्वासघात किया है.
अगले कदम पर नजर
अब देखना दिलचस्प होगा कि आगामी निकाय चुनाव में बीजेपी, एनसीपी और एकनाथ शिंदे की शिवसेना के बीच सीट बंटवारे और प्रचार में नवाब मलिक की क्या भूमिका रहती है. फिलहाल वो संगठन मजबूत करने में जुटे हैं.