गरबा विवाद के बीच अजित पवार गुट ने बड़ा बयान दिया है. एनसीपी के पूर्व सांसद और पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता आनंद परांजपे ने कहा कि धर्म के नाम पर किसी को प्रताड़ित करना ठीक नहीं है. ऐसे कई मुस्लिम त्योहार होते हैं जिसमें हिंदू शरीक होते हैं और तब कभी किसी हिंदू को अपने धर्म की पहचान बतानी नहीं पड़ती है. एनसीपी नेता ने कहा कि लॉ एंड ऑर्डर बना रहना चाहिए. इस पर महाराष्ट्र सरकार फैसला लेगी. 

Continues below advertisement

सिर्फ हिंदुओं की एंट्री होनी चाहिए-VHP

दरअसल, 21 सितंबर को विश्व हिंदू परिषद ने कहा कि गरबा के पंडालों में सिर्फ हिंदुओं की एंट्री होनी चाहिए. विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीराज नायर ने कहा कि गरबा सिर्फ एक नृत्य नहीं है, बल्कि देवी को प्रसन्न करने के लिए की जाने वाली पूजा का एक रूप है. वे (यानी मुसलमान) मूर्ति पूजा में विश्वास नहीं करते हैं. केवल उन्हीं लोगों को इसमें भाग लेने की अनुमति दी जानी चाहिए जो इन अनुष्ठानों में आस्था रखते हैं. 

धार्मिक रंग देना ठीक नहीं- अजित पवार गुट

अजित पवार की पार्टी के प्रवक्ता ने आगे कहा, "जहां पर गरबा खेला जाता है, वहां पर महिलाओं को सुरक्षित महसूस होना चाहिए. उस प्रकार की पूरी तैयारी महाराष्ट्र पुलिस और मुंबई पुलिस की रहेगी. लेकिन इसको धार्मिक रंग देकर कि इस धर्म के लोग गरबा खेलने न आएं, उनके धर्म के बारे में चेक किया जाए, ये ठीक नहीं है."

लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति में पुलिस करेगी हस्तक्षेप- एनसीपी

पूर्व सांसद ने कहा कि भारत एक सहिष्णु देश है. उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि अगर कोई लॉ एंड ऑर्डर की समस्या होगी तो जरूर पुलिस और शासन हस्तक्षेप करेगी."