जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले से जिन लोगों ने अपनों को खोया, वो सदमे हैं. सरकार से उनकी मांग है कि अमन के दुश्मनों के खिलाफ ऐसी कार्रवाई हो कि वो याद रखें. देशभर के लोग आतंकी हमले में जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि दे रहे हैं. इस बीच असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM के राष्ट्रीय प्रवक्ता वारिस पठान की भी प्रतिक्रिया सामने आई है.
आतंकवादी नपुंसक हैं- वारिस पठान
वारिस पठान ने कहा, "पहलगाम के अंदर जो आतंकवादी हमला हुआ है, इसकी जितनी भी निंदा की जाए वो कम है. इस आतंकवादी घटना के बारे में बोलने के लिए अल्फाज नहीं हैं. नपुंसक आतंकवादी आकर बेकसूर पर्यटक जो अपने परिवार के साथ वहां घूमने गए थे, उन पर गोलियां बरसा दीं. कभी किसी का नाम पूछकर, कभी किसी का धर्म पूछकर मारा. ये इंसान नहीं दरिंदे हैं."
'जिम्मेदारी भी तय होनी चाहिए'
AIMIM नेता ने आगे कहा, "इनको इतनी कड़ी सजा मिलनी चाहिए कि दुनियाभर में जो आतंकवाद करते हैं उनकी रूह कांप उठे. हम सरकार से यही मांग करते हैं." इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जिम्मेदारी भी तय होनी चाहिए. उन्होंने कहा, "वहां पर लोगों का कहना है कि 2000 से ज्यादा पर्यटक एक जगह पर मौजूद थे. कोई पुलिस वाला नहीं. एक महिला का वीडियो हमने देखा जिसमें वो रो रही है और कह रही है कि डेढ घंटे बाद ये आए, अगर पहले आते तो भाई की, हसबैंड की जान बच जाती. इंटेलीजेंस क्या कर रहा था?"
'हिंदू-मुस्लिम एंगल की कोई जरूरत नहीं'
न्यूज़ एजेंसी ANI से बातचीत में वारिस पठान ने ये भी कहा कि ये वक्त ऐसा है कि तमाम सियासी पार्टियों को एक प्लेटफॉर्म पर आना चाहिए. इकट्ठा होकर आतंकवादियों को सफाया करना बहुत जरूरी है. तब जाकर हमारा देश सुरक्षित होगा. इसमें हिंदू-मुस्लिम एंगल की कोई जरूरत नहीं है. कुछ वीडियो में महिलाएं ये कह रही है कि उन्हें मुसलमानों ने बहुत सपोर्ट किया. एक मुसलमान घोड़ेवाले सैयद आदिल हुसैन की जान चली गई. कितने मुसलमान भाइयों ने हिंदु भाइयों की मदद की. ये हमारे देश की खूबसूरती है.
'कब तक हम ऐसे लाशों को देखते रहेंगे'
AIMIM प्रवक्ता ने कहा, "सरकार को उचित कदम उठाने चाहिए. डिप्लोमेटिक लेवल के ऊपर आपने अच्छे कदम उठाए हैं. हम कब तक रुकेंगे? कब तक हम ऐसे लाशों को देखते रहेंगे? जिन लोगों ने अपनों को खोया है हम उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं. जो लोग अस्पतालों में घायल हैं, उनके लिए हमारी प्रार्थना है."