Maharashtra News: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) ने बुधवार को 23 कार्यकर्ताओं को निलंबित कर दिया है. इनमें से औरंगाबाद के छह पूर्व कॉर्पोरेटर्स भी शामिल हैं. दरअसल, पार्टी ने महाराष्ट्र कैबिनेट में एनसीपी नेता अजित पवार के शामिल होने पर प्रदर्शन का आयोजन किया था. ये सभी कार्यकर्ता उस प्रदर्शन में शामिल नहीं हुए थे. इसी बात से नाराज होकर पार्टी नेतृत्व ने यह फैसला किया.
पार्टी की ओऱ से बुधवार को जारी किए गए बयान में कार्यकर्ताओं के निलंबन को लेकर जानकारी दी गई है. निलंबित किए गए कार्यकर्ता एआईएमआईएम की औरंगाबाद इकाई में अलग-अलग पद पर तैनात थे. एआईएमआई की ओर से जारी किए गए प्रेस रिलीज में बताया गया कि 23 कार्यकर्ताओं ने सांसद इम्तियाज जलील द्वारा रविवार रात भडकल गेट पर आयोजित प्रदर्शन में हिस्सा नहीं लिया था. निलंबन की चिट्ठी पर एआईएमआईएम के औरंगाबाद शहर के अध्यक्ष शारिक नक्षबंदी का हस्ताक्षर है.
अजित पवार पर यह बोले ओवैसीबता दें कि पिछले दिनों एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी और पार्टी प्रवक्ता वारिस पठान का इस मामले में बयान आया था. ओवैसी ने जहां अजित पवार द्वारा की गई बगावत पर विपक्षी दलों पर निशाना साधा था तो वारिस पठान ने इसके लिए बीजेपी को जिम्मेदारी ठहराया था. ओवैसी ने कहा कि आज विपक्ष के हर नेता इस बात को लेकर रो रहे हैं कि बीजेपी ने एनसीपी को तोड़ दिया. आज 40 विधायक चले गए तो गलत है और बिहार में हमारे चार विधायकों को खरीदा गया था तब क्या वह सही था.
एनसीपी में फूट पर यह बोले थे वारिस पठान वहीं, पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता वारिस पठान ने इस मुद्दे पर बीजेपी पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि अजित पवार फिर से देवेंद्र फडणवीस के पास चले गए. उनके साथ विधायक भी गए हैं. सत्ता के लिए वे लोग कुछ भी कर सकते हैं. एनसीपी महाराष्ट्र में अब बीजेपी की बी टीम बन चुकी है. एनसीपी चीफ शरद पवार भी शायद यही चाहते थे.
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