Tahawwur Rana Extradition: मुंबई आतंकी हमलों (26/11 Mumbai Terror Attack) के आरोपी तहव्वुर राणा को भारत लाया जा चुका है. दिल्ली की अदालत ने उसे 18 दिनों की NIA हिरासत में भेजा है. तमाम पार्टियां इसका स्वागत कर रही है. बीजेपी के नेता इसे मोदी सरकार की कूटनीतिक जीत बता रहे हैं.
इस बीच असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM ने राणा को फांसी देने की मांग की है. पार्टी के नेता वारिस पठान ने कहा, ''मुकदमा फास्ट ट्रैक कोर्ट में तेजी से चलना चाहिए, अदालत को उन्हें मौत की सजा देनी चाहिए. इनकी वजह से बेगुनाह लोगों की जाने चली गई, वरिष्ठ पुलिस अधिकारी शहीद हो गए.''
मुसलमानों ने कसाब को दफनाने के लिए जगह नहीं दी- वारिस पठान
वारिस पठान ने न्यूज़ एजेंसी IANS से कहा, ''26/11 आतंकी हमले को देश और दुनिया कभी नहीं भूलेगी. इसकी जितनी निंदा की जाए, उतनी कम है. इस हमले ने कई लोगों की जान ली. अजमल कसाब को फांसी हुई. देश के मुसलमानों ने कसाब को दफनाने के लिए जगह नहीं दी. डेविड कोलमैन हेडली भी था, उसे भी लाना चाहिए.''
NIA ने क्या कहा?
तहव्वुर हुसैन राणा को को अमेरिका से प्रत्यर्पण के बाद गुरुवार (10 अप्रैल) को भारत लाया गया. दिल्ली में इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचने पर औपचारिक रूप से उसे गिरफ्तार करने के बाद उसे पटियाला हाउस स्थित एनआईए की विशेष अदालत में पेश किया गया. एनआईए अदालत ने उसे 18 दिन की हिरासत में भेज दिया.
राणा पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक है. 26/11 मुंबई आतंकवादी हमलों के मुख्य साजिशकर्ता डेविड कोलमैन हेडली उर्फ दाऊद गिलानी का करीबी सहयोगी रहा है. एनआईए ने कहा है कि हेडली ने भारत आने से पहले राणा के साथ पूरी साजिश पर चर्चा की थी.
2008 के मुंबई आतंकी हमले में कुल 166 लोग मारे गए थे और 238 से अधिक लोग घायल हुए थे. एकमात्र पकड़े गए आतंकी अजमल कसाब को इस मामले में फांसी दी जा चुकी है.