शिवसेना UBT नेता आदित्य ठाकरे ने वोटर लिस्ट गड़बड़ी पर प्रेजेंटेशन देते हुए अलग अलग दावा किया. आदित्य ठाकरे के दावे के मुताबिक, मतदाता सूची में किसी का नाम गलत है, किसी का सरनेम गलत है तो किसी का जेंडर बदल गया है. एक ही पते पर 48 मतदाताओं का नाम दर्ज हैं.
लोकसभा चुनाव 2024 में वर्ली विधानसभा सेगमेंट में 2,52,970 मतदाता थे. चार महीने बाद हुए विधानसभा चुनाव में 2,63,352 वोटर हुए. आदित्य ठाकरे ने दावा किया की उनके विधानसभा क्षेत्र में 19,333 वोटर नामों में गड़बड़ी मिली है. वर्ली चुनाव क्षेत्र में मतदाता नरहरि कुलकर्णी को लोकसभा में मृत बताया पर उसी व्यक्ति के नाम पर विधानसभा में मतदान हुआ. वोटिंग के बाद फिर उनका नाम डिलीट किया गया.
आदित्य ठाकरे के दावे
- 502 ऐसे मतदाता हैं जिनका ख़ुद का और पिता का नाम एक ही है.
- 643मतदाता के जेंडर ही बदल कर नाम डाले हैं. यानी महिला को पुरुष और पुरुष को महिला बताया गया.
- 28 के पास एपिक नम्बर ही नहीं हैं .
- 4177 लोगों के एड्रेस ही नहीं दिए गए.
- 133 लोगों के नाम का दुबारा पाया गया. एक ही व्यक्ति को दो एपिक नंबर देकर कार्ड बनाये.
- 113 लोगों को सौ से ज़्यादा उम्र का बताया पर उनमे से ज्यादातर की मौत हुई है.
- विधानसभा चुनाव के बाद 1200 वोटर के नाम डिलीट किए गए हैं.
- एक छोटे कमरे में जहां चार से पांच लोग रह सकते हैं, उस घर में 38 मतदाता रहते हैं.
- घसीटाराम हलवाई नाम के एक ही एड्रेस पर 46 मतदाता का नाम रजिस्टर है लेकिन वो पता है ही नहीं.
आदित्य ठाकरे ने कहा कि सिर्फ़ मुंबई के वर्ली में ये वोटर लिस्ट में गड़बड़ी का आंकड़ा इतना है तो पूरे मुंबई में कितना होगा . अपने कार्यकर्ताओं को फेकआईडी , फेक एड्रेस, डुप्लीकेट और मृत वोटर की जांच करने को कहा. आदित्य ठाकरे ने मतदाता सूची में गड़बड़ी को लेकर दो बड़े दावे किए जिसकी पड़ताल एबीपी न्यूज़ ने की.
पहला दावा
एबीपी न्यूज़ की टीम A2Z इंडस्ट्री पहुंची. उस जगह पर गई जहां घसीटाराम हलवाई की दुकान थी. आज उस जगह निर्माण का सामान और अनुपयोगी वस्तु रखी गई थीं. आस पास के लोगों से पूछताछ में पता चला कि 2018 से पहले मशहूर घसीटाराम हलवाई का कारखाना हुआ करता था. इसमें 50 से अधिक लोग काम करते थे. 2018 में कारखाना बंद हुआ और कारखाने में रहने वाले लोग चले गए. ऐसी संभावना है कि जो काम करने वाले कारीगर उसी कारखाने में रहते थे उन्होंने अपना मतदान रजिस्टर कराया होगा और कारखाना बंद होने के बाद सब यहां से चले गए.
दूसरा दावा
एबीपी न्यूज़ उस मकान तक पहुंची जिसको लेकर आदित्य ठाकरे ने दावा किया गया कि उस मकान में 38 मतदाता रजिस्टर हैं. मकान में इस समय एक परिवार किराए पर रहता है जो नेपाल का रहने वाला है. घर के मालिक नज़दीक ही दूसरे घर में रहते हैं जिनके घर में 3 मतदाता ही हैं. अब सवाल ये है कि 38 लोगों का पता एक ही घर का कैसे? दरअसल ये घुग्गी बस्ती का इलाका है. कई घर अवैध हैं जहां लोग सड़कों के किनारे शेड बनाकर रहते हैं. ऐसे कई लोग वोटिंग नाम दर्ज करवाते समय मकान नंबर एक लिखा देते हैं. ऐसी संभावना है कीिइस तरह के मतदाताओं ने मकान नंबर 01 लिखा दिया. संयोग से घर मकान संख्या 001 विवादों के घेरे में आ गया.