5 अगस्त को मध्य प्रदेश के सीहोर स्थित कुबेरेश्वर धाम में कावड़ यात्रा से पहले भारी भीड़ के कारण भगदड़ मच गई, जिसमें दो महिला श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 4 अन्य घायल हो गए.
इस हादसे के बाद एक बार फिर पंडित प्रदीप मिश्रा चर्चा में आ गए हैं, क्योंकि यह आयोजन उनके द्वारा संचालित कुबेरेश्वर धाम में हो रहा था. प्रशासन अलर्ट पर है, और लोग जानना चाहते हैं कि आखिर ये प्रदीप मिश्रा कौन हैं, जिनकी एक कथा में लाखों की भीड़ जुट जाती है.
कौन हैं पंडित प्रदीप मिश्रा?
पंडित प्रदीप मिश्रा एक प्रसिद्ध धार्मिक कथावाचक और भजन गायक हैं, जो खासकर शिव महापुराण, श्री रामकथा और श्रीमद्भागवत कथा के प्रवचनों के लिए जाने जाते हैं. वे मध्य प्रदेश के सीहोर जिले के कुबेरेश्वर धाम के पीठाधीश्वर हैं.
प्रदीप मिश्रा का जन्म 16 जून 1977 को सीहोर में हुआ और वे एक साधारण परिवार से आते हैं. एक समय में वे निजी स्कूल में शिक्षक थे. अब वे 'सीहोर वाले बाबा' के नाम से जाने जाते हैं और पूरे भारत में कथा कराते हैं. उनकी कथाओं में सहज भाषा, भक्ति और जीवन में उपयोगी छोटे-छोटे उपाय उन्हें जनप्रिय बनाते हैं.
यूट्यूब चैनल पर लाखों में हैं सब्सक्राइबर्स
उनके यूट्यूब चैनल 'Pandit Pradeep Ji Mishra Sehore Wale' पर लाखों सब्सक्राइबर्स हैं. उनके उपाय जैसे, सोमवार को शिवलिंग पर इत्र चढ़ाना, महामृत्युंजय मंत्र का जाप, या गन्ने के रस से अभिषेक, सोशल मीडिया पर खूब वायरल होते हैं. जानकारी के अनुसार, एक बार उन्होंने दावा किया था कि गन्ने का रस शिवलिंग पर चढ़ाने से 3 साल में करोड़पति बना जा सकता है, जिससे कई शहरों में गन्ने के रस की मांग अचानक बढ़ गई थी. वे सालभर देश और विदेशों में कथा करते हैं और उनके आयोजनों में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ती है.
पहले भी हो चुकी हैं भगदड़ की घटनाएं
हालांकि, भारी भीड़ और अव्यवस्था को लेकर मिश्रा समय-समय पर विवादों में भी रहे हैं. मेरठ में 2024 में भगदड़ की स्थिति बनी थी, वहीं 2025 में जशपुर, छत्तीसगढ़ में कथा सुनने जा रहे श्रद्धालुओं की पिकअप पलटने से 35 लोग घायल हो गए.
उनपर आरोप लगे हैं कि उनके आयोजनों में निजी बाउंसर की जगह ‘गुंडों’ का इस्तेमाल होता है. उनके कुछ बयान समाजों में नाराज़गी भी पैदा कर चुके हैं. लेकिन तमाम विवादों के बावजूद पंडित प्रदीप मिश्रा की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है, और भक्तों की आस्था में कोई कमी नहीं आई है.