MP Vyapam Scam: सीबीआई ने मध्य प्रदेश के चर्चित व्यापमं घोटाले में राज्य के दो बड़े निजी मेडिकल कॉलेज के संचालकों और सरकारी अधिकारियों सहित 160 लोगों की संलिप्तता उजागर की है. सीबीआई ने प्री-मेडिकल टेस्ट-2013 में गड़बड़ी के आरोप में इनके खिलाफ स्पेशल कोर्ट में अनुपूरक आरोपपत्र (Supplementary Chargesheet) दायर किया है. मेडिकल एजुकेशन के डायरेक्टर एस सी तिवारी, ज्वॉइंट डायरेक्टर एन एम श्रीवास्तव और व्यापमं के एग्जामिनेशन कंट्रोलर पंकज त्रिवेदी के खिलाफ भी चालान पेश किया है.


व्यापमं भर्ती एवं परीक्षा घोटाले की जांच कर रही सीबीआई ने गुरुवार को पीएमटी-2013 में हुई गड़बड़ी के मामले में 160 आरोपियों के खिलाफ स्पेशल कोर्ट में चालान पेश किया है. भोपाल में विशेष न्यायाधीश नीतिराज सिंह सिसोदिया की कोर्ट में पेश किए चालान में आरोपियों में भोपाल के पीपुल्स मेडिकल कॉलेज के चेयरमैन एसएन विजयवर्गीय, इंदौर के इंडेक्स मेडिकल कॉलेज के चेयरमैन सुरेश भदौरिया, व्यापमं के एग्जाम कंट्रोलर पंकज त्रिवेदी, डायरेक्टर मेडिकल एजुकेशन एससी तिवारी और ज्वॉइंट डायरेक्टर एनएम श्रीवास्तव के नाम शामिल हैं.


जानें क्या है सीबीआई की चार्जशीट में?


 सीबीआई की चार्जशीट में आरोप है कि तीनों मेडिकल कॉलेज के चेयरमैन ने एमबीबीएस की काउंसलिंग के अंतिम दिन काउंसलिंग बंद करके स्टेट कोटे की सीटें पात्र उम्मीदवारों के स्थान पर अपात्र उम्मीदवारों को बेचकर उन्हें मेडिकल कॉलेज में दाखिला दिया था. इसमें उम्मीदवारों से मोटी रकम वसूली गई थी. स्पेशल कोर्ट ने कोविड-19 प्रोटोकॉल के चलते आरोपियों को 22 फरवरी से 12 मार्च तक कोर्ट में हाजिर होने के नोटिस जारी किए हैं.


डायरेक्टर डीएमई तिवारी और ज्वॉइंट डायरेक्टर श्रीवास्तव को निर्देश थे कि वे पीएमटी की काउंसलिंग की मॉनिटरिंग ठीक से करेंगे, लेकिन उनके द्वारा भी लापरवाही की गई थी. व्यापमं के एग्जाम कंट्रोलर पंकज त्रिवेदी ने रोल नंबरों में हेर-फेर की थी. उनके द्वारा एक सिस्टम डेवलप किया गया था, जिसमें इंजन (नकल कराने वाला उम्मीदवार) के पीछे बोगी (उम्मीदवार) का रोल नंबर सेट किया था. जिस कारण नकली उम्मीदवार ने दूसरे के स्थान पर परीक्षा दी और साथ में पीछे वाले उम्मीदवार को भी नकल कराई, जिसमें दोनों ने पीएमटी पास की थी. बाद में इन फर्जी उम्मीदवारों ने प्रवेश नहीं लिया और इनकी सीट भी चेयरमैन द्वारा बेची गई थी.


चार्जशीट में आरोप लगाया गया है कि आरोपी रैकेटियर और कई अन्य मध्य प्रदेश के विभिन्न शहरों यानी भोपाल, इंदौर, उज्जैन, शहडोल, रतलाम और सागर से काम कर रहे थे. ये रैकेटियर कथित तौर पर पीएमटी परीक्षा में लाभार्थी उम्मीदवारों और सॉल्वर की व्यवस्था करने में शामिल थे.


सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक सतीश दिनकर के अनुसार पीएमटी-2013 में हुई गड़बड़ी की जांच सीबीआई द्वारा की जा रही है. इस मामले में सबसे पहली एफआईआर इंदौर के राजेंद्र नगर थाने में दर्ज की गई थी. घोटाला उजागर होने के बाद जांच एसटीएफ को सौंपी गई थी.बाद में सभी केस सीबीआई को ट्रांसफर हुए थे. सीबीआई ने 31 अक्टूबर 2017 को 490 लोगों के खिलाफ चालान पेश किया था.


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