Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश में बीते कई सालों से शासन-प्रशासन द्वारा सरकारी स्कूलों के हालातों को बदलने का दावा किया जा रहा है. अच्छी और गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा देने की बातें कही जा रही हैं. साथ ही बीते कुछ सालों से लगातार सरकारी स्कूलों के नाम बदले जा रहे हैं. हर जिले में कुछ स्कूलों को सीएम राइज कर दिया गया है, तो वहीं अब कॉलेजों को भी पीएमश्री नाम दे दिया गया है, लेकिन प्रदेश में सरकारी स्कूलों के हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं.
दरअसल, एबीपी न्यूज टीम ने ऐसे ही कुछ सरकारी स्कूलों की पड़ताल की तो हालात चौंकाने वाले नजर आए. एबीपी न्यूज की टीम राजधानी भोपाल से 120 किलोमीटर दूर केन्द्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान के संसदीय क्षेत्र विदिशा के लटेरी तहसील पहुंची, तो टीम को यहां सरकारी स्कूलों की हालत बहुत ही खराब नजर आई. पड़ताल के दौरान क्लासेस नीम के पेड़ के नीचे चल रहे थे, तो वहीं खेत में स्थित कच्ची टपरी में बच्चे बैठे नजर आए, जबकि एक स्कूल तो प्रधानमंत्री आवास में चलता नजर आया.
टीम लटेरी तहसील के मदनपुर गांव के प्राथमिक स्कूल पहुंची, तो भवन के अभाव में मोहनपुरा गांव का प्राथमिक स्कूल नीम के पेड़ के नीचे लगता हुआ नजर आया. यहां खड़ी बाइक से ब्लैक बोर्ड टिका हुआ था और पहली से पांचवीं कक्षा के 50-60 बच्चे एक साथ बैठे थे. एबीपी न्यूज़ की टीम ने बच्चों से उनकी परेशानी के बारे में पूछ ही रहे थे कि इस दौरान अचानक बारिश होने लगी और बच्चे बैग, टाटपट्टी लेकर भागने लगे.
एक शिक्षक चला रहा स्कूलइस कच्चे घर के ऊपर कबेलू चढ़े हुए थे, जबकि यह घर लकड़ियों के सहारे टिका हुआ था. इस कच्चे घर में कक्षा एक से लेकर 5वीं तक के 60-70 बच्चे बैठे हुए थे. एक शिक्षक ही कक्षा एक से लेकर 5वीं तक के बच्चों को पढ़ाता हुआ नजर आया. वहीं जब एबीपी न्यूज की टीम लटेरी तहसील के ही वास्तु गांव पहुंचे, तो यहां सरकारी प्राथमिक स्कूल प्रधानमंत्री आवास में संचालित होता नजर आया.