मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शौर्य स्मारक में भारत माता के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की एवं दीप प्रज्जवलित कर राष्ट्रगीत वंदे मातरम् के 150वें उत्सव का शुभारंभ किया. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कल्पनाशीलता के माध्यम से आज वंदे मातरम् के 150वें स्मरणोत्सव के विशेष आयोजन हो रहे हैं. 

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सीएम मोहन यादव ने कहा कि गुरुवर रवींद्रनाथ टेगौर ने 1896 में पहली बार वंदे मातरम् को स्वर देकर क्रांतिकारियों को प्रेरित किया. वंदे मातरम् गीत ने देश की आजादी के लिए अलख जगाई. भारत, अमेरिका, इंग्लैंड जैसे कई देशों में भी शब्दों की रचनाओं के स्पंदन से आजादी के संघर्ष को नई दिशा मिली. कदम-कदम बढ़ाए जा... गीत नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नेतृत्व में आजाद हिंद फौज ने देश को एक सूत्र में बांधने का प्रयास किया. 

आजादी का मूल मंत्र बना वंदे मातरम्- सीएम मोहन यादव

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने आगे कहा कि इस गीत में देश की, मां सरस्वती, लक्ष्मी और मातृभूमि की त्रिदेवी संस्कृति समाहित है. बंकिमचंद्र जी का यह गीत आजादी का मूल मंत्र बना था. लेकिन आजादी के साथ जब हमें राष्ट्रगीत को अपनाने का समय आया, तो देश को दिग्भ्रमित करने की कोशिश की गई. 

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एक साल तक चलेगा वंदे मातरम् का स्मरणोत्सव

मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव ने आगे कहा कि वंदे मातरम् के इतिहास को जानने की आवश्यकता है. सरदार वल्लभ भाई पटेल ने 1950 में कहा था कि हमें राष्ट्रगान जन-गण-मन के साथ राष्ट्रगीत वंदे मातरम् को भी महत्व देने की आवश्यकता है. वंदे मातरम् का स्मरणोत्सव अगले एक साल 7 नवंबर 2026 तक चलेगा. इस दौरान राष्ट्रीय त्यौहार एवं अन्य अवसरों पर वंदे मातरम् से जुड़े विशेष आयोजन होंगे.

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