Uma Bharti News: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के महासचिव दत्तात्रेय होसबोले ने मंगलवार (11 मार्च) को इंडिया को केवल 'भारत' कहने की वकालत की. उन्होंने कहा कि इस बात पर सवाल उठाए जाने चाहिए कि देश के दो नाम क्यों होने चाहिए, एक हिंदी में और दूसरा अंग्रेजी में. वहीं अब दत्तात्रेय होसबोले के बयान का मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी की वरिष्ठ महिला नेता उमा भारती ने समर्थन किया है.
उमा भारती ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा, "राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले का यह कथन कि भारत का नाम सिर्फ भारत होना चाहिए 'इंडिया देट इज भारत' दो नाम नहीं होना चाहिए, पूरे देश की जन भावना यही है."
दत्तात्रेय होसबोले ने क्या कहा था?दरअसल, मंगलवार (11 मार्च) को आरएसएस के महासचिव दत्तात्रेय होसबोल नोएडा में एक बुक लॉन्च प्रोग्राम में आए. यहां उन्होंने ये बयान दिया. दत्तात्रेय होसबोले ने कहा, "क्या यह दुनिया में कहीं और हो सकता है? भारत के संविधान को हिंदी में 'भारत का संविधान' कहा जाता है और भारतीय रिजर्व बैंक को भी भारतीय रिजर्व बैंक कहा जाता है. हमें हर जगह ऐसा क्यों करना पड़ता है?"
'भारत को और आत्मनिर्भर बनने की जरूरत'दत्तात्रेय होसबोले ने कहा इसे ठीक किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि जब देश का नाम भारत है, तो इसे भारत ही कहें. भारत के स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने वाले प्रख्यात दार्शनिक और योगी अरबिंदो घोष को उद्धृत करते हुए, आरएसएस महासचिव ने कहा कि 'महर्षि' ने कहा था कि भारत केवल अपने स्वार्थ के लिए या दूसरों को धमकाने और रौंदने के लिए नहीं, बल्कि दुनिया के लिए प्रकाश स्तंभ बनने के लिए आगे बढ़ेगा. यह भारत का लक्ष्य है, लेकिन इसे प्राप्त करने के लिए, भारत को इस दृष्टि से अधिक मजबूत और आत्मनिर्भर बनने की आवश्यकता है.
'ये हम सभी की जिम्मेदारी'उन्होंने आगे कहा, "जब तक समाज यह कहने के लिए तैयार नहीं होगा कि हम ऐसा देश हैं और हम दुनिया को कुछ संदेश देने आए हैं, तब तक ये सारी बातें खोखली साबित होंगी. इसलिए ऐसे समाज का निर्माण करना हम सभी की विशेष जिम्मेदारी है."
ये भी पढ़ें
Khandwa News: कैदी ने जेल में लगाई फांसी, बेटी के साथ रेप करने के जुर्म में 2 दिन पहले हुई थी सजा