Water Crisis: गर्मी के दिनों में जल संकट के साथ-साथ स्वच्छ जल नहीं मिलने की शिकायत भी आम हो जाती है. ऐसे ही जल संकट से उज्जैन के हजारों परिवार जूझ रहे हैं, उन्हें पीने का पानी खरीदना पड़ रहा है. लोगों में नगर निगम के प्रति काफी आक्रोश है. उज्जैन के किशनपुरा, गोपालपुरा सहित कई ऐसे इलाके हैं जहां पर गर्मी के दिनों में कम दबाव से पानी सप्लाई होता है, जिसकी वजह से लोगों को पर्याप्त पानी की आपूर्ति नहीं हो पाती है.


उज्जैन में यह समस्या पिछले कई सालों से लगातार चल रही है, लेकिन इस बार हजारों परिवार दूषित पानी की समस्या से भी जूझ रहे हैं. इलाके में रहने वाली शकुंतला बाई ने बताया कि ऐसा लगता है कि इन दिनों नल में नाले का पानी आ रहा है. पानी इतना खराब है कि उसे पीना तो क्या नहाना भी मुश्किल है. उन्हें आर्थिक तंगी के बीच पीने का पानी खरीदना पड़ रहा है.


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उज्जैन में पेयजल की समस्या वर्षों पुरानी
देसाई नगर निवासी सुनील गोठवाल के मुताबिक पेयजल की समस्या वर्षों पुरानी है. हर बार चुनावी घोषणा पत्र में पानी की समस्या को हल करने का वादा किया जाता है, लेकिन चुनाव जीतने के बाद कोई उनकी ओर ध्यान नहीं देता. नगर निगम के अधिकारियों से भी बार-बार शिकायत की गई, मगर आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला. दूषित पेयजल का इस्तेमाल करने से कई लोग बीमार हो रहे हैं. खाना बनाने में दूषित पानी के इस्तेमाल से फूड प्वाइजनिंग की भी शिकायत हो रही है. नगर निगम द्वारा लगातार पेयजल का बिल बढ़ाया जा रहा है, मगर गुणवत्ता और पर्याप्त पानी की समस्या को दरकिनार किया जा रहा है. लोगों द्वारा पानी की पूर्ति के लिए हैंडपंप का भी सहारा लिया जा रहा है.


टैंकर से भी करवाई जाती है पूर्ति
इलाके से तीन बार पार्षद रह चुके जितेंद्र तिलकर बताते हैं कि कई बार अधिकारियों को स्थाई समाधान के लिए अवगत कराया गया, मगर अभी तक समस्या हल नहीं हुई है. सालों पहले पीएचई ने पाइप लाइन बिछाई थी जोकि कई जगह से क्षतिग्रस्त हो चुकी है. यहां नालों का पानी भी पेयजल की लाइन में मिल रहा है. इसके अलावा पानी की टंकी भी पूरी नहीं भरी जाती है, जिसकी वजह से 10 से 15 मिनट भी नल में पानी नहीं आता. लोगों को कई बार टैंकर का पानी खरीद कर भी काम चलाना पड़ता है. 


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