Vikas Dubey Encounter: उत्तर प्रदेश के कुख्यात अपराधी अतीक अहमद (Atique Ahmed) की गाड़ी पलटने की आशंका के बीच एक बार फिर विकास दुबे को गिरफ्तार करने वाली उज्जैन पुलिस (Ujjain Police) ने इनाम नहीं मिलने के मुद्दे को उठा दिया है. विकास दुबे की गाड़ी पलटने के बाद उसका एनकाउंटर (Encounter) हुआ था. यहीं से कुख्यात अपराधियों को गाड़ी पलटने का डर सताने की शुरुआत हुई थी. उत्तर प्रदेश के विक्रम कांड के कुख्यात अपराधी विकास दुबे के एनकाउंटर को जुलाई 2023 में 3 साल पूरे हो जाएंगे. इन सालों में हर एक दिन उन पुलिसकर्मियों को उत्तर प्रदेश पुलिस के ईनाम का इंतजार रहता है जिन्होंने विकास दुबे को गिरफ्तार करने में अहम भूमिका अदा की थी.


विकास दुबे को उस समय गिरफ्तार किया गया था जब वह भगवान महाकाल के दर्शन करने के लिए उज्जैन पहुंचा था. जैसे ही विकास दुबे महाकालेश्वर मंदिर (Mahakaleshwar Temple) से बाहर निकला, वैसे ही मंदिर के दो निजी सुरक्षाकर्मियों ने महाकाल थाने और पुलिस चौकी के पुलिसकर्मियों की मदद से उसे पकड़ लिया. तत्कालीन पुलिस अधीक्षक मनोज सिंह इस मामले में कुख्यात अपराधी विकास दुबे को पकड़ने वाली टीम को पुरस्कार देने के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस को पत्र भी लिखा था. उत्तर प्रदेश पुलिस ने विकास दुबे की गिरफ्तारी पर 5 लाख का इनाम रखा था. हालांकि आज दिनांक तक पुलिसकर्मियों और सुरक्षाकर्मियों को इनाम की राशि नहीं मिल पाई है.


यहीं से सताने गाड़ी पलटने का डर
पुलिस अधीक्षक सत्येंद्र कुमार शुक्ला के मुताबिक उत्तर प्रदेश पुलिस को रिमाइंडर भेजते हुए इनाम को लेकर कुछ नाम भेजे गए थे. उनकी ओर से अभी तक यह निर्णय नहीं हो पाया है कि इनाम किसे दिया जाए? इसी के चलते अभी तक इनाम की राशि नहीं मिल पाई है. बता दें कि विकास दुबे को जब मध्य प्रदेश से उत्तर प्रदेश ले जाया जा रहा था तो उत्तर प्रदेश में विकास दुबे की गाड़ी पलट गई जिसके बाद उसने पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया और इसके चलते विकास दुबे का एनकाउंटर हो गया. विकास दुबे के एनकाउंटर के साथ ही अपराधियों को गाड़ी पलटने का डर सताने लगा.


यही वजह रही कि उत्तर प्रदेश का कुख्यात अपराधी अतीक अहमद का वाहन जब मध्य प्रदेश के सड़कों से गुजरात चप्पे-चप्पे पर सावधानियां बरती गईं. इसके बाद जब काफिला यूपी में दाखिल हुआ तो उनके रिश्तेदार भी वाहनों के साथ अतीक अहमद के साथ चल दिए.


फुल प्रसाद बेचने वाले ने जताया था शक
जब विकास दुबे उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में प्रवेश कर रहा था, उस समय फुल प्रसाद बेचने वाले सुरेश नामक व्यक्ति ने सबसे पहले उसकी संदिग्ध गतिविधियों के चलते पहचान की थी. इसके बाद उसने महाकाल मंदिर के निजी सुरक्षाकर्मियों को विकास दुबे के बारे में बताया था. विकास दुबे ने मंदिर में ढाई सौ रुपए का टिकट लेकर भगवान महाकाल के दर्शन किए थे इसके बाद जैसे ही वह बाहर निकला उसे पकड़ लिया गया था. 


ये भी पढ़ें: Singrauli Child Death: आपसी विवाद के चलते भाई पर ताना धनुष-बाण, निशाना चूका तो 4 साल की बच्ची के सिर में घुसा तीर, हुई मौत