Ujjain News: प्रसिद्धि ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर में श्रद्धालु बिना मास्क के नजर आ रहे हैं. उज्जैन में जिला प्रशासन और महाकाल मंदिर समिति ने कोविड-19 प्रोटोकॉल के कई दावे किए हैं, लेकिन दावों की पोल मंदिर परिसर में ही खुल रही है. लापरवाही का मामला सामने आने के बाद उज्जैन कलेक्टर ने कार्रवाई की बात कही है. उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में प्रतिदिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं.
महाकाल के दरबार में नहीं हो रहा कोविड नियमों का पालन
देशभर के श्रद्धालु अपनी मनोकामना लेकर राजाधिराज भगवान महाकाल के दरबार में मत्था टेकते हैं. यहां कोरोना से बचाव के लिए कई प्रकार के नियम भी बनाए गए हैं. महाकाल मंदिर समिति के प्रशासक गणेश धाकड़ ने बताया कि महाकाल मंदिर में दो वैक्सीन लगे होने के बाद ही श्रद्धालु को प्रवेश करने की अनुमति है. इसके अलावा बिना मास्क के भक्त को प्रवेश करने नहीं दिया जाएगा. महाकाल मंदिर समिति ही नहीं बल्कि जिला प्रशासन भी नियमों का पालन होने के दावे कर रहा है. इन सबके बीच महाकाल मंदिर परिसर में बिना मास्क के दर्जनों लोग देखे जा सकते हैं. सभी लोगों के अपने-अपने बहाने और तर्क हैं मगर नियम के उल्लंघन किसी को परवाह नहीं है.
मास्क नहीं पहनने पर श्रद्धालुओं ने दिए अजीब-गजब तर्क
उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह के मुताबिक मंदिर परिसर में बिना मास्क के भ्रमण करना बेहद गंभीर और गलत बात है. मामला संज्ञान में आने पर मंदिर समिति के अधिकारियों को नियमों का सख्ती से पालन कराने के निर्देश जारी किए जा रहे हैं. रायपुर की श्रद्धालु श्रुति सिंह से बिना मास्क मंदिर परिसर में घूमने की बाबत पूछा तो उन्होंने कहा कि फोटोग्राफी के चलते मास्क हटाया है. इसके अलावा भोपाल से आए सत्येंद्र सिंह के मुताबिक पूजा करते समय उन्होंने मास्क कुछ समय के लिए हटा लिया था. बाद में उन्हें ध्यान नहीं आया. इंदौर से आई आशा सिंह नामक महिला ने तो अजीब ही बहाना बनाया. उन्होंने कहा कि भगवान को अपनी सूरत दिखाना थी, इसलिए मास्क उतार दिया था.
Omicron के खतरे को लेकर शिवराज चौहान ने की बैठक- राज्य में अभी नहीं लगेंगे कोई नए प्रतिबंध