Ujjain News: उज्जैन में इस बार अमृत सिद्धि योग (Amrit Siddhi Yoga) में 4 दिसंबर को शनिचरी अमावस्या (Shani Amavasya) पड़ रही है. इस दिन स्नान, दान कर शनि के प्रकोप से मुक्ति पाई जा सकती है. यह दिन दुर्लभ संयोग का दिन है. शनि का प्रभाव किसी भी व्यक्ति के जीवन पर महत्वपूर्ण होता है. शनि के अनुकूल प्रभाव से जहां वारे न्यारे हो जाते हैं, वहीं दूसरी तरफ शनि की कुदृष्टि पड़ने से बेहद विपरीत परिणाम सामने आते हैं. जिनकी राशि में शनि प्रतिकूल फल दे रहा है, उनके लिए आनेवाला 4 दिसंबर महत्वपूर्ण होने वाला है. इस दिन उज्जैन के त्रिवेणी घाट पर स्नान और दान करने से विशेष फल की प्राप्ति होगी.

प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित आनंद शंकर व्यास ने बताया कि इस बार शनिचरी अमावस्या अमृत सिद्धि योग में आ रही है, जो कि काफी उत्तम है. इस दिन अगर कोई श्रद्धालु त्रिवेणी संगम पर स्नान कर भगवान शनि देव को तेल आदि अर्पित करता है तो भगवान शनिदेव प्रसन्न होकर मनवांछित फल देंगे. इसके अलावा शनिचरी अमावस्या पर काली तिल, उड़द, भैंसा, स्टील के बर्तन दान का विशेष महत्व है. दान करने से शनि के दुष्प्रभाव से मुक्ति मिलती है. 

उज्जैन कलेक्टर, एसपी ने किया निरीक्षण

उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह और पुलिस अधीक्षक सत्येंद्र कुमार शुक्ला ने शनिचरी अमावस्या की तैयारियों का जायजा लेने के लिए इंदौर रोड स्थित त्रिवेणी घाट का निरीक्षण किया. इस दौरान आवश्यक इंतजाम करने के निर्देश भी जारी किए गए. कोविड प्रतिबंध हटने के बाद शनिचरी अमावस्या पर लाखों लोगों के आने की संभावना जताई जा रही है, जिसे देखते हुए जिला प्रशासन और पुलिस महकमे ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है. उज्जैन के त्रिवेणी घाट पर दान- धर्म और स्नान का विशेष महत्व माना गया है. यहां पर शनिदेव स्वयंभू विराजमान है. इसलिए दर्शन करने और शनि देव की आराधना करने पर तुरंत फल की प्राप्ति होती है. त्रिवेणी घाट पर भगवान शनि देव के साथ सभी नवग्रह भी विराजमान है. उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह ने धार्मिक आयोजन को सफलतापूर्वक निपटाने के लिए शिप्रा नदी में नर्मदा का जल छोड़ने के भी निर्देश दिए हैं. 

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