Bhasm Aarti Darshan Ujjain: लोकसभा चुनाव को लेकर आचार आदर्श आचार संहिता लगने के बाद अब महाकालेश्वर मंदिर में ऐसे 360 लोगों को प्रोटोकॉल के जरिए अनुमति नहीं मिलेगी, जो राजनीतिक प्रभाव के जरिए अभी तक प्रवेश ले रहे थे, 6 जून तक प्रोटोकॉल भस्म आरती अनुमति पर रोक लगा दी गई है. चुनाव आचार संहिता खत्म होने के बाद ही फिर से प्रोटोकॉल भस्म आरती की अनुमति मिलेगी.


महाकालेश्वर मंदिर समिति के प्रशासक संदीप सोनी ने बताया कि भगवान महाकाल के दरबार में प्रतिदिन सुबह होने वाली भस्म आरती में 2000 श्रद्धालु हिस्सा लेते हैं. इस भस्म आरती में 360 लोगों को राजनीतिक प्रभाव और अन्य नियम अनुसार प्रोटोकॉल के जरिए प्रवेश दिया जाता है. 


नहीं मिलेगा प्रोटोकॉल का लाभ
लोकसभा चुनाव के मद्देनजर आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है. जिसके बाद प्रोटोकॉल के जरिए भस्म आरती की अनुमति पर रोक लगा दी गई है.  6 जून तक यह रोक लगी रहेगी. अब राजनीतिक प्रभाव के जरिए भस्म आरती में प्रवेश लेने वाले श्रद्धालुओं को 6 जून तक इंतजार करना पड़ेगा. उन्होंने यह भी बताया कि विधानसभा चुनाव के दौरान भी आचार संहिता लागू होने के बाद प्रोटोकॉल प्रवेश के जरिए भस्म आरती में शामिल होने की अनुमतियों पर रोक लगा दी गई थी. इस प्रकार हर चुनाव में आदर्श आचार संहिता का पालन करते हुए प्रोटोकॉल भस्म आरती पर रोक लग जाती है.


विधायक, सांसद, मंत्री के कोटे पर होती है अनुमति
उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में भस्म आरती की अनुमति के लिए विधायक, सांसद और मंत्री की अनुशंसा लगती है. इसके अलावा प्रशासनिक स्तर पर भी बड़े आईएएस और आईपीएस अफसर के जरिए भी प्रोटोकॉल की विशेष अनुमतियां होती है. इनकी संख्या महाकालेश्वर मंदिर समिति की बैठक में निर्धारित की गई है. अब आचार संहिता लागू होने के बाद आम और खास सभी एक ही नियम के तहत भस्म आरती में प्रवेश ले पा रहे हैं.


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