Mahakal Kartik Sawari: उज्जैन में सावन और भादो के साथ-साथ कार्तिक और अगहन माह में भी भगवान महाकाल की सवारी निकलती है. इस बार कार्तिक और अगहन मास में भगवान महाकाल की चार सवारी निकलेगी. सोमवार को पहली सवारी में भगवान महाकाल ने चंद्रमौलेश्वर रूप में भक्तों को दर्शन दिए. भगवान महाकाल की कार्तिक मास में पहली सवारी सोमवार को धूमधाम से निकली. पालकी में सवार होकर राजाधिराज भगवान महाकाल ने निकले. महाकालेश्वर मंदिर के प्रदीप गुरु ने बताया कि भगवान महाकाल की सवारी में कार्तिक और अगहन मास में भी वही लाव लश्कर और उत्साह देखने को मिलता है, जो सावन और भादो माह में रहता है.

कार्तिक मास की दूसरी सवारी 6 नवंबर को निकलेगी

भगवान महाकाल की कार्तिक मास में निकलने वाली सवारी का काफी महत्व है. भगवान महाकाल पूरे शहर का भ्रमण करते हैं और प्रजा का हालचाल जानते हैं. इस दौरान श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ पड़ता है. कार्तिक मास में पालकी में सवार होकर राजाधिराज भगवान महाकाल निकलते हैं. कार्तिक मास की दूसरी सवारी 6 नवंबर को निकलेगी, जिसमें हरि का हर से मिलन होगा. इसकी तैयारियां अभी से शुरू हो गई हैं.

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आतिशबाजी के बीच होता है हरि का हर से मिलन

भगवान महाकाल की नगरी उज्जैन में हरि और हर के मिलन की प्राचीन परंपरा है. भगवान महाकाल अर्थात हर जब पालकी में सवार होकर निकलते हैं तो गोपाल मंदिर पर द्वारकाधीश अर्थात हरि का मिलन होता है. इस दौरान जमकर आतिशबाजी भी होती है. आतिशबाजी के बीच हरि का हर से मिलन होता है. महाकालेश्वर मंदिर के राम गुरु ने बताया कि भगवान महाकाल और द्वारकाधीश गोपाल का मिलन प्राचीन समय से हो रहा है. इस अद्भुत नजारे को देखने के लिए देश भर से श्रद्धालु पहुंचते हैं.