Ujjain News: भगवान महाकाल के दरबार में लगभग 2 साल से लगातार की जा रही पुजारियों की प्रार्थना आखिरकार पूरी होने जा रही है. भक्त और भगवान के बीच आने वाले दिनों में दूरियां खत्म हो जाएंगी, इसे लेकर भक्तों के साथ-साथ पंडे पुजारियों में भी उत्साह है. कोविड-19 के चलते भगवान महाकाल के दरबार में आम और खास श्रद्धालुओं को दूर से ही भगवान के दर्शन हो रहे थे. महाकालेश्वर मंदिर का गर्भगृह छोटा होने की वजह से श्रद्धालुओं को गर्भगृह में प्रवेश नहीं दिया जा रहा था. इसके अलावा भगवान शिव के स्पर्श से भी भक्त महरूम हो गए थे. महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति ने हाल ही में 6 दिसंबर से महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह में भक्तों को प्रवेश की अनुमति दे दी है.
6 दिसंबर से महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह में भक्तों को प्रवेश की अनुमति
अब 6 दिसंबर से शिव भक्त सीधे राजाधिराज भगवान महाकाल के दरबार में शिवलिंग तक पहुंच सकेंगे. महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी रमण त्रिवेदी के मुताबिक 2 साल से पंडे पुजारी भी इस बात को लेकर भगवान के सामने प्रार्थना कर रहे थे कि भक्तों से उनकी दूरियां खत्म होनी चाहिए. पंडे पुजारी तो मंदिर में गर्भगृह तक प्रवेश कर पा रहे थे मगर भक्तों को नंदीहाल में भी प्रवेश नहीं दिया जा रहा था. पंडित त्रिवेदी ने बताया कि मध्य प्रदेश सरकार ने जैसे ही कोविड-19 प्रतिबंधों को हटाया, वैसे ही महाकाल मंदिर समिति ने भी स्वागत योग्य फैसला लिया. महाकाल मंदिर में 6 दिसंबर से श्रद्धालु गर्भ ग्रह से पूजा अर्चना कर सकेंगे.
दिल्ली से आए श्रद्धालु वीरेंद्र सिंह ने कहा कि भगवान महाकाल के दर्शन पूर्व में गर्भगृह के भीतर से होते थे, मगर अब 50 मीटर दूर से दर्शन करना पड़ रहा है. बुजुर्ग और बच्चों को दूरी से दर्शन करने में भी कठिनाई आती है. 6 दिसंबर से गर्भगृह में प्रवेश देने का फैसला स्वागत योग्य है. उन्होंने कहा कि जब अगली बार भगवान महाकाल के दर्शन के लिए आएंगे तो गर्भगृह में पूजा अर्चना करने के बाद ही उज्जैन से लौटेंगे.