उज्जैन: कोरोना के नए वेरिएंट ओमीक्रॉन ने राजस्थान में दस्तक दे दी है और मध्य प्रदेश के भी कई जिले राजस्थान से जुड़े हुए हैं. बात करें उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर की तो यहां हररोज करीब 20000 से ज्यादा श्रद्धालु राजाधिराज भगवान महाकाल का आशीर्वाद लेने के लिए आते हैं. जिससे मंदिर में काफी भीड़ लग जाती है. जो प्रशासन के लिए चिंता का सबब बना हुआ है.
मंदिर में बिना मास्क के दिखे श्रद्धालु
वहीं ओमीक्रोन के खतरे के बीच थोड़ी सी लापरवाही भी बड़ी परेशानी खड़ी कर सकती है. हालांकि उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में वैक्सीन के दोनों डोज लगवाने के बाद ही प्रवेश दिया जा रहा है. इसके अलावा मंदिर परिसर में मास्क लगाना आवश्यक है. महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति ने इस संबंध में कठोर गाइडलाइन जारी की है. बावजूद इसके गाइडलाइन की धज्जियां उड़ाई जा रही है. मंदिर परिसर में अधिकांश श्रद्धालु बिना मास्क के नजर आ रहे हैं. सभी श्रद्धालुओं के पास मास्क ना लगाने के अलग-अलग बहाने भी हैं.
श्रद्धालुओं ने बनाए मास्क ना लगाने के बहाने
मंदिर में इंदौर से आए श्रद्धालु राजेश शर्मा ने बताया कि वो पूजा में व्यस्त थे इसलिए मास्क लगाना भूल गए. एक अन्य श्रद्धालु राधिका ने बताया कि उन्होंने फोटो खिंचवाने के लिए मास्क हटाया था. इसके अलावा एक श्रद्धालु सतीश ने तो जलपान की बात कहकर मास्क हटाने का बहाना बनाया. श्रद्धालुओं के पास अपने अलग-अलग बहाने हैं लेकिन महाकाल मंदिर प्रबंध समिति अपनी ओर से नियमों का पालन कराने की भरपूर कोशिश कर रही है.
अर्थदंड पर किया जा रहा है विचार- कलेक्टर
उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि आने वाले दिनों में अगर श्रद्धालुओं द्वारा गाइडलाइन का पालन नहीं किया गया तो नियमों का उल्लंघन करने वालों पर अर्थदंड जैसी कार्रवाई पर विचार किया जा सकता है. अभी मंदिर परिसर में कर्मचारी लगातार श्रद्धालुओं से सावधानी बरतने की अपील कर रहे हैं. इसके अलावा अनाउंसमेंट के जरिए भी श्रद्धालुओं को सतर्क किया जा रहा है.
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