महाकाल नगरी उज्जैन में 6 सितंबर की देर रात एक बड़ा हादसा हो गया. जिले की शिप्रा नदी के बड़े पुल से एक कार अचानक उफनती धारा में गिर गई. कार में पुलिस अधिकारी मौजूद थे जो अपहरण की विवेचना के लिए जा रहे थे. घटना के बाद से तीनों पुलिसकर्मी लापता हैं और SDRF व NDRF की टीमें लगातार रेस्क्यू अभियान चला रही हैं. बताया जा रहा है कि जिस पुल ले कार नीचे गिरी उसमें रेलिंग नहीं लगी थी.

हादसे के हालात और लापता पुलिसकर्मी

इंदौर, देवास और उज्जैन में हो रही लगातार बारिश के कारण शिप्रा नदी का जलस्तर काफी बढ़ा हुआ है. इसी दौरान उज्जैन जिले के उन्हेल थाना प्रभारी अशोक शर्मा अपनी टीम के साथ कार में सवार होकर अपहरण मामले की जांच के लिए निकले थे. तेज बहाव के बीच उनकी कार बड़े पुल से फिसलकर नदी में जा गिरी. कार में अशोक शर्मा के साथ सहायक उप निरीक्षक एम.एल. निनामा और महिला आरक्षक आरती पाल भी मौजूद थीं. फिलहाल तीनों का कोई पता नहीं चल पाया है.

रेस्क्यू ऑपरेशन और प्रशासन की निगरानी

हादसे के बाद मौके पर पुलिस के बड़े अधिकारी पहुंचे और तुरंत बचाव कार्य शुरू कराया गया. जानकारी मिलने तक अभी भी SDRF और NDRF की टीमें नदी में उतरकर कार व लापता पुलिसकर्मियों की तलाश कर रही हैं. लेकिन तेज धार और गहराई के कारण अब तक कार का कोई सुराग नहीं मिला है. गोताखोर लगातार प्रयास कर रहे हैं और प्रशासन ने कहा है कि तब तक अभियान जारी रहेगा जब तक लापता पुलिसकर्मी नहीं मिल जाते.

घटनास्थल पर स्थिति और लोगों की चिंता

मौके पर बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हो गए हैं और प्रशासन ने सुरक्षा घेरा बनाकर भीड़ को नियंत्रित किया है. नदी का उफान और तेज बारिश रेस्क्यू में सबसे बड़ी बाधा बने हुए हैं. पुलिस अधिकारी लगातार घटनास्थल पर मौजूद रहकर ऑपरेशन की निगरानी कर रहे हैं. इस हादसे ने स्थानीय लोगों को गहरे सदमे में डाल दिया है और लोग दुआ कर रहे हैं कि लापता पुलिसकर्मी सुरक्षित मिल सकें.

यह हादसा उज्जैन पुलिस और पूरे प्रशासन के लिए चिंता का विषय है. लगातार बारिश और नदियों के उफान के बीच यह घटना सुरक्षा और सावधानी को लेकर भी गंभीर सवाल खड़े करती है. फिलहाल उम्मीद यही है कि राहत-बचाव टीमें जल्द से जल्द इस ऑपरेशन में सफलता हासिल करें.