Sehore Bhaukhedi's Mawabati: पूर्व प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और मंत्रियों सहित आमजन में भाऊखेड़ी की मावाबाटी की मिठास बढ़ती जा रही है. शुद्धता व गुणवत्ता को ध्यान में रखकर बनाई गई मावाबाटी की प्रसिद्धि इतनी अधिक है कि प्रदेश के कोने-कोने से लोग इसका स्वाद लेने पहुंचते है. इतना ही नहीं मीठा से तौबा करने वाले भी बार-बार मावाबाटी को खाने से खुद को नहीं रोक पाते है. खास बात यह है कि जब कभी दूसरे प्रदेशों से रिश्तेदार जिले में आते हैं, तो भाऊखेड़ी की मावाबाटी का जिक्र कर उन्हें उसका स्वाद दिलाने पहुंचे जाते है. इस छोटे से गांव में पूछते-पूछते बड़ी-बड़ी गाड़िया पहुंचती हैं, जहां न सिर्फ मावाबाटी का स्वाद लेते है, वहीं डिब्बों में थोकबंद मावाबाटी अपने साथ ले जाते है.
1972 से संचालित है यह दुकान
सीहोर के नजदीकी पूर्व राजस्व मंत्री करन सिंह वर्मा के ग्राम भाऊखेड़ी की मावाबाटी की प्रसिद्धि दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. 1972 से तीन पीढ़ी इस दुकान का संचालन कर रही है. इस दुकान को स्वर्गीय हरिराम सेठ ने शुरू किया था, जो आज उनके बेटे करन सिंह शुद्धता के साथ संचालन कर रहे हैं. खास बात यह है कि लोगों के जहन में आज भी वहीं स्वाद बना हुआ है, जिसका कारण यह है कि यहां ग्रामीण क्षेत्र से शुद्ध दूध से मावा तैयार कर मावाबाटी बनाई जाती है.
कई राज्यों से यहां पहुंचते हैं लोग
आपको बताते चलें कि हर रोज बड़ी संख्या में मध्यप्रदेश सहित अन्य प्रदेश के लोग यहां पहुंचते हैं. बड़ी-बड़ी पाटिर्यों में भाऊखेड़ी की मावाबाटी शामिल होती है. इंदौर से मावाबाटी खाने पहुंचे वीरेंद्र ने बताया कि मेरे दोस्त 6 महीने पहले आए थे, फिर वापस मन हुआ मावाबाटी खाने का तो आए हैं. भाऊखेड़ी, वहीं इछावर से आए जलील खान बताते हैं कि यह दुकान बहुत प्रसिद्ध है. यहां पर लोग दूर-दूर से मावाबाटी खाने आते हैं. 1972 से यह दुकान संचालित है. मैं खुद भी यहां पर खाने मावाबाटी आया हूँ.
यह भी पढ़ें-