Singrauli News: मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले का वन विभाग इन दिनों सुर्खियों में बना हुआ है. सुर्खियों में बने रहने की वजह भी हैरान कर देने वाली है. बीते सप्ताह वन विभाग के बर्खास्त कर्मचारी ने ऑफिस में काम करने वाली सहकर्मी की प्रताड़ना से तंग आकर, अपनी पत्नी और खुद को फांसी लगा लिया.


यह मामला अभी शांत हुआ भी नहीं था कि इसी तरह का एक और मामला सामने आया है. इस मामले के प्रकाश में आने के बाद हड़कंप मच गया. वनकर्मी आत्मदाह करने का पत्र विभाग को सौंप कर गायब हो गया है. आत्मदाह का पत्र मिलते ही विभाग के अधिकारियों की नींद उड़ गई है.


दरअसल, सिंगरौली जिले के वन विभाग के सहायक वनपाल लालमणी सिंह वृत गोभा ने सस्पेंड होने पर वनमंडलाधिकारी (DFO) अखिल बंसल और एसडीओ नरेंद्र त्रिपाठी पर गंभीर आरोप लगाया है. कर्मचारी ने इल मामले में आत्मदाह की चेतावनी दी थी.


पत्र में डीएफओ पर गंभीर आरोप लागते हुए कर्मचारी ने लिखा कि बिना जांच, बिना नोटिस दिए 45 दिन से उन्होंने मुझे सस्पेंड कर दिया है, ये नियम विरुद्ध है. इतना ही नहीं वनपाल ने डीएफओ और एसडीओ पर सभी कामों में 20 से 25 फीसदी कमीशन लेने का भी आरोप लगाया है.


अधिकारियों पर लगाए ये आरोप
वनपाल ने पत्र में लिखा है कि बीते माह 30 पेड़ खैर के लकड़ी की कटाई हुई, जो राजस्व विभाग के क्षेत्र में आती है, न कि वन विभाग में. इस मामले में उर्ती निवासी अशोक जायसवाल के कहने पर डीएफओ ने बिना जांच पड़ताल के ही 1 लाख रुपये की हेराफेरी के आधार पर निलंबित कर दिया. डीएफओ के द्वारा रिश्वत लेने का ऑडियो और वीडियो भी वनपाल के पास मौजूद है.


वनपाल ने पत्र में आगे लिखा कि मैं बार-बार डीएफओ से निवेदन किया कि उक्त पेड़ में मेरी कोई सहभागिता नहीं है और न ही वह पेड़ वन विभाग के जमीन में है, लेकिन उन्होंने एक न सुनी. मैं अपने परिवार के भरण पोषण के लिए परेशान हूं, जिस वजह से आत्मदाह करने जा रहा हूं.


डीएफओ ने क्या कहा?
मामला सामने आने के बाद वनमंडलाधिकारी अखिल बंसल ने कहा कि वनपाल की खोज की जा रही है. उसके नंबर को साइबर पुलिस सर्विलांस में डालकर लगातार सर्च किया जा रहा है. फिलहाल वनपाल की खोज जारी है. उन्होंने बताया कि वनपाल के सामने आने के बाद ही पूरा मामला स्पष्ट हो पायेगा.


रिपोर्ट-देवेंद्र पांडेय


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