Sehore News: मध्यप्रदेश के सीहोर में राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ द्वारा कलेक्ट्रेट में नारेबाजी की गई. कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन दिया. इसमें कहा कि केंद्र सरकार ने तीनों किसान विरोधी कानूनों को रद्ध किया लेकिन आंदोलन में शामिल किसानों पर दर्ज मुकदमों को वापस नहीं लिया. आदोलन में शहीद हुए किसानों के परिजनों को भी कुछ नहीं दिया. हजारों किसानों को केंद्र सरकार ने बड़ा धोखा दिया. किसान विरोधी नीतियों को भी खत्म नहीं किया.


यह भी कहा 
इसमें कहा गया कि, संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले देश के किसानों ने केन्द्र सरकार के तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने और किसान विरोधी नितियों के खिलाफ अभूतपूर्व आन्दोलन चलाया. केंद्र सरकार से आन्दोलन को वापस लेने का आग्रह किया. संयुक्त किसान मोर्चा ने मृत किसानों के परिजनों को आर्थिक मदद और किसानों पर दर्ज मुकदमें वापस लेने के केंद्र सरकार के आश्वासन पर आंदोलन वापस ले लिया.


एमएसपी पर प्रधानमंत्री स्वयं और बाद में कृषि मंत्री ने एक कमेटी बनाने की घोषणा की. कमेटी का एक मैंडेट यह होगा कि देश के किसानों को एमएसपी मिलना कैसे सुनिश्चित किया जाए लेकिन कमेटी आज तक नहीं बनाई गई.


यूपी पुलिस किसानों को फंसा रही-राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ
इसमें कहा गया कि, लखीमपुर खीरी हत्याकाण्ड में एसआईटी की रिपोर्ट में षड़यंत्र की बात स्वीकार करने के बावजूद भी इस हत्याकाण्ड के प्रमुख षड़यंत्रकारी अजय मिश्र टेनी का केन्द्रीय मंत्रिमण्डल में बने रहना हर संवैधानिक और राजनीतिक मयार्दा के खिलाफ है. यह तो किसानों के घावों पर नमक छिड़कने का काम है. दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश पुलिस इस घटना में नामजद किसानों को केस में फंसाने और गिरफ्तार करने का काम लगातार कर रही है. राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ मांग करता है की सरकार किसानों के विश्वास को न तोड़े. केन्द्र सरकार लिखित वादों की तत्काल पूरा कराए.


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