Madhya Pradesh News: दीपावली की पडवा पर मध्य प्रदेश के सीहोर (Sehore) जिले में अनूठी अदालत का आयोजन हुआ. यहां पेशी पर इंसान नहीं बल्कि सांपों ने अपनी उपस्थिाति दर्ज कराई. इस अदालत में भोपाल (Bhopal), विदिशा, रायसेन, गुना, हरदा सहित अनेक जिलों के सांप पीड़ित लोग पहुंचे.


सुबह साढे दस बजे से अदालत की प्रक्रिया शुरू हुई और एक-एक कर सांप व्यक्ति को डंसने का कारण बताते गए, साथ ही दोबारा न काटने का वचन भी दे रहे थे. 


शरीर में आए नाग
राजधानी भोपाल से करीब 40 किलोमीटर दूर ग्राम लसुडिया परिहार के भगवान राम मंदिर में भगवान हनुमान जी की प्रतिमा के सामने सांपों की अदालत का आयोजन बुधवार को हुआ.


इस अनूठी अदालत में सर्पदंश से पीड़ित लोग स्वस्थ होने की कामना के लिए मंदिर आए. सुबह साढे दस बजे मंदिर के पुजारी गिरिराज दुबे द्वारा जैसे ही राई भजन की शुरूआत की गई एक-एक कर लोगों के शरीर में नागों का आना शुरू हो गया. 






पंडित दुबे के अनुसार सुबह साढे दस बजे शुरू हुआ यह क्रम आज शाम तक जारी रहेगा. प्रदेश भर से सर्पदंश से पीड़ित लोग यहां आएंगे. पंडित दुबे ने बताया कि साल भर में जिन्हें भी सांप या नागिन काट लेते हैं वे लोग यहां आते हैं और उन्हें बेल बांधी जाती है और दीपावली की पडवा पर आने को कहा जाता है जिनकी बेल खोलकर यहां चढाई जाती है. इसी क्रम में आज बडी संख्या में लोग यहां आ रहे हैं. 


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क्या कहा नागों ने
पेशी के दौरान नागदेव मानव शरीर में आए और डंसने का कारण बताने लगे. कोई बता रहा था कि पूछ पर पैर रखा था इसलिए काटा. इस अदालत की कार्यवाही को देखने के लिए गांव सहित बडी संख्या में जिला मुख्यालय से लोग पहुंचे. पेशी के दौरान मानव शरीर में आए नाग वचन भी दे रहे थे कि दोबारा नहीं डसूंगा. सीहोर जिला मुख्यालय के नजदीकी ग्राम लसुडिया परिहार में सुबह साढे दस बजे से नागों की अदालत शुरू हुई. इसे अंधविश्वास कहें या कुछ और लेकिन सुबह दस बजे ही यहां लोग पहुंच गए थे. इस अदालत में रायसेन, होशंगबाद, विदिशा, भोपाल, हरदा सहित अन्य जिलों से लोग आए. 


क्या कहा लोगों ने
सीहोर निवासी सुनील राठौर भी अपनी पत्नी को लेकर पहुंचे. राठौर ने बताया कि उनकी पत्नी को साल भर पहले घर पर ही नागिन ने काट लिया था. उसी समय वे यहां बेल बंधवाने के लिए आए थे जिसे अब बेल चढाने आए हैं. इस दौरान राठौर की पत्नी के शरीर में जैसे ही नागिन आई तो वह बताने लगी कि इसने मेरी पूंछ पर पैर रख दिया था इसलिए इसे मैंने कटा. हालांकि इस दौरान नागिन से वचन भी लिया गया था कि अब दोबारा नहीं डसूंगी. इसी तरह कुरावर से आए महेश ने भी पंडित गिरीराज दुबे के समक्ष बताया कि दीवड ने उसे काटा था इसी तरह की पीड़ा कई लोगों ने बताई.