MP Lok Sabha Elections 2024: मध्य प्रदेश की खजुराहो संसदीय सीट पर इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार को लेकर फिर पेंच आ गया है. खजुराहो लोकसभा सीट पर ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक (एआईएफबी) के उम्मीदवार रिटायर्ड आईएएस राजा भैया प्रजापति को समर्थन देने वाली समाजवादी पार्टी ने एक दिन बाद ही यूटर्न ले लिया है. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मनोज यादव ने कहा कि अब हम रणनीति बनाकर तय करेंगे कि किसे समर्थन देना है.


वहीं, कांग्रेस भी अभी तक इस मामले में कोई फैसला नहीं ले पाई है. हालांकि, पूर्व में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने फारवर्ड ब्लॉक प्रत्याशी राजा भैया प्रजापति को कांग्रेस के समर्थन का आश्वासन दिया था.


कुल 14 उम्मीदवार चुनाव मैदान में


खजुराहो संसदीय सीट पर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा सहित कुल 14 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं. माना जा रहा है कि इंडिया गठबंधन में असमंजस के कारण खजुराहो सीट पर वीडी शर्मा की जीत की राह लगातार आसान होती जा रही है.


यहां बता दे कि खजुराहो सीट पर इंडिया गठबंधन की ओर से सपा प्रत्याशी मीरा यादव चुनाव मैदान में थीं. तकनीकी कारणों से मीरा यादव का नामांकन निरस्त होने के बाद अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी ने एआईएफबी के उम्मीदवार रिटायर्ड आईएएस राजा भैया प्रजापति को समर्थन देने की बात कही थी.खजुराहो लोकसभा सीट पर मतदान 26 अप्रैल को होना है.


दरअसल,इंडिया गठबंधन में सीटों पर हुए तालमेल के बाद कांग्रेस ने मध्यप्रदेश की खजुराहो लोकसभा सीट सपा के लिए छोड़ी थी. समाजवादी पार्टी ने यहां से मीरा यादव को अपना अधिकृत उम्मीदवार बनाया था लेकिन उनका नामांकन रद्द होने के बाद चर्चा चल पड़ी कि बीजेपी खजुराहो लोकसभा सीट पर अपने प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा के निर्विरोध निर्वाचन की के लिए कवायद कर रही है.


इसी बीच राजा भैया प्रजापति ने भोपाल में पीसीसी चीफ जीतू पटवारी से मुलाकात की.इसके बाद पटवारी ने मीडिया से कहा कि प्रजापति ने उन्हें बताया कि उन पर नाम वापसी के लिए बीजेपीकी ओर से दबाव है.


उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपीप्रत्याशी विष्णु दत्त शर्मा बिहारी और फिल्मी स्टाइल में चुनाव लड़ना चाहते हैं.खजुराहो के ज्यादातर प्रत्याशी गायब हैं.खजुराहो में सपा प्रत्याशी का नामांकन रद करने के बाद अब अन्य प्रत्याशियों को अपना नामांकन वापस लेने हेतु डराया धमकाया जा रहा है.


वहीं,रिटायर्ड आईएएस अधिकारी राजा भैया प्रजापति ने भी चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखकर बीजेपी द्वारा उनके ऊपर नामांकन वापस लेने का दबाव डलवाने का आरोप लगाया था.


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