प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर मध्यप्रदेश को रेल कोच निर्माण की बड़ी सौगात मिलने जा रही है. 10 अगस्त को औबेदुल्लागंज में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 1800 करोड़ रुपये की लागत वाली BEML रेल हब फॉर मैन्युफैक्चरिंग परियोजना का भूमिपूजन करेंगे.
रायसेन जिले के उमरिया गांव में 60 हेक्टेयर में बनने वाली यह इकाई वंदे भारत, अमृत भारत और मेट्रो ट्रेनों के कोच बनाएगी. इससे भोपाल, रायसेन, सीहोर, विदिशा और मंडीदीप को औद्योगिक और रोजगार के नए अवसर मिलेंगे.
परियोजना की मुख्य विशेषताएं
• लागत:1800 करोड़ रुपये• भूमि: 60 हेक्टेयर, रायसेन जिला• प्रारंभिक क्षमता: 125–200 कोच/साल (5 साल में 1,100 कोच/वर्ष)• रोजगार: 5,000+ प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष अवसर• पर्यावरण मानक: शून्य तरल अपशिष्ट, सौर ऊर्जा, बारिश, जल संचयन, हरित लैंडस्केपिंग
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल से भोपाल को BEML (भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड) रेल कोच मैन्युफैक्चरिंग हब का बड़ा तोहफा मिला है. ‘ब्रह्मा परियोजना’ का भूमि-पूजन 10 अगस्त को औबेदुल्लागंज के दशहरा मैदान में किया जाएगा.
भूमि पूजन कार्यक्रम की समय सूची
कार्यक्रम का शुभारंभ सुबह 11:00 बजे होगा, जब भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भोपाल एयरपोर्ट पर पहुंचेंगे और उनका स्वागत किया जाएगा. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ रेल हब फॉर मैन्युफैक्चरिंग इकाई का भूमिपूजन किया जाएगा.1800 करोड़ रुपये की लागत से यह इकाई बनाई जाएगी.
सुबह 11:00 बजे भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का भोपाल एयरपोर्ट पर आगमन एवं स्वागत होगा.सुबह 11:10 बजे वे एयरपोर्ट भोपाल से ओबैदुल्लागंज, जिला रायसेन के लिए रवाना होंगे.सुबह 11:30 बजे औबेदुल्लागंज के दशहरा मैदान में रेल कोच इकाई परियोजना का भूमि-पूजन किया जाएगा.दोपहर 2:20 बजे वे ओबैदुल्लागंज से भोपाल एयरपोर्ट पहुंचेंगे.दोपहर 2:30 बजे माननीय रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह जी का भोपाल एयरपोर्ट से प्रस्थान होगा.
ग्रीन फैक्ट्री मॉडल पर विकसित
इस परियोजना में पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता दी जाएगी और इसे पूरी तरह ग्रीन फैक्ट्री मॉडल पर विकसित किया जाएगा. यहां जीरो लिक्विड वेस्ट तकनीक अपनाई जाएगी, साथ ही सौर ऊर्जा और अन्य नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का उपयोग होगा. फैक्ट्री परिसर में वर्षा जल संचयन और हरित लैंडस्केपिंग की विशेष व्यवस्था होगी, जिससे पर्यावरण के साथ सामंजस्य बना रहेगा.
निर्माण में टिकाऊ और पुनर्नवीनीकृत सामग्री का इस्तेमाल किया जाएगा. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि यह पहल न सिर्फ भोपाल बल्कि पूरे मध्यप्रदेश की औद्योगिक पहचान को नया आयाम देगी और प्रधानमंत्री के नेतृत्व में औद्योगिक विकास का नया अध्याय रचेगी.