Nemawar Hatyakand: सामूहिक हत्याकांड में जिंदा बची युवती ने न्याय के लिए नेमावर से पदयात्रा शुरू कर दी है. आज सीहोर जिले के रेहटी पहुंचने पर भारती कास्डे ने कहा कि न्याय यात्रा का उद्देश्य न्याय पाना है. जब तक हमारे परिवार को न्याय नहीं मिल जाता तब तक हमारी न्याय की यात्रा जारी रहेगी. न्याय सिर्फ सीबीआई जांच करने से नहीं होता. जब तक दरिंदों को फांसी के फंदे पर लटकता नहीं देख लेती तब तक चुप नहीं बैठेंगे.
न्याय यात्रा निकालने के एलान से CBI जांच की अनुशंसा
जगह-जगह पद यात्रा रोककर लोगों को भारती अपनी मांग से अवगत करा रही है. न्याय यात्रा प्रतिदिन करीब 15 किमी का सफर तय कर रही है. भारती ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सात महीने से न्याय के लिए भटक रहे थे, तब सरकार ने सीबीआई जांच के आदेश नहीं दिए. जब हमने यात्रा निकालने का एलान किया तो आदेश दिया गया. आगे से किसी दलित परिवार के साथ ऐसा न हो, इसलिए भी हम यात्रा निकाल रहे हैं. मालूम हो कि भारती न्याय के लिए 190 किमी की पदयात्रा कर रही है.
प्रेम प्रसंग में हुई थी आदिवासी परिवार की सामूहिक हत्या
देवास जिले के नेमावर में 13 मई 2021 को प्रेम प्रसंग मामले पर आदिवासी परिवार के पांच लोगों की हत्या कर शवों को 10 फीट गहरे गड्ढे में दबा दिया गया था. जुलाई में जघन्य हत्याकांड का खुलासा होने के बाद पीड़ित परिवार की तरफ से लगातार सीबीआई जांच की मांग की जा रही थी. जय आदिवासी युवा शक्ति (जयस), गोंडवाना गणतंत्र पार्टी और कांग्रेस भी मसले पर लगातार राज्य सरकार को घेरते रहे. इंटरनेट से लेकर सोशल मीडिया पर सीबीआई जांच की मांग के लिए अभियान चलाया गया. अब 7 महीने बाद राज्य सरकार ने सीबीआई जांच की अनुशंसा कर दी है. आदेश के बाद भी परिवार की बेटी भारती कास्डे नेमावर से भोपाल तक न्याय यात्रा निकाल रही है.
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