Madhya Pradesh Weather Update: मध्य प्रदेश में गर्मी अब लोगों को बेहाल करने लगी है. कई शहरों में दिन का पारा लगातार 45 डिग्री सेल्सियस से ऊपर चला गया है. चूंकि तापमान में लगातर बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है. इसलिए एक्सपर्ट उससे होने वाली बीमारियों से बचने के उपाय बता रहे है. उनका कहना है कि दोपहर में बहुत जरूरी हो तभी घर से बाहर निकले. हीट स्ट्रोक हार्ट, श्वसन और किडनी रोग के गंभीर मरीजों को पेरशानी में डाल सकता है.

जबलपुर एमडी मेडिसिन डॉ जितेंद्र भार्गव कहते हैं कि बढ़ती गर्मी और लू की चपेट में आने से बचने के लिए यदि प्यास नहीं भी लगी हो, तो भी पर्याप्त मात्रा में पानी पीते रहें. नींबू पानी, छाछ, लस्सी, जूस और ओआरएस का घोल शरीर को पानी की कमी से बचाये रखता है. तरबूज, खरबूजा, संतरा, अंगूर, अनानास, खीरा आदि अधिक पानी की मात्रा वाले फल और सब्जियां खाएं. घर से निकलते वक्त पानी की बॉटल साथ रखें.

सीधी धूप से बचेंघर से बाहर निकलते वक्त अपने सिर को टोपी, दुपट्टे, छाता, गमछा या किसी अन्य कपड़े से ढंककर ही निकलें, सीधी धूप में आने से बचें. अगर बाहर निकलना आवश्यक न हो, तो घर में ही रहें और अपने आवश्यक काम हो सके तो सुबह और शाम को करें. टीवी, रेडियो, समाचार-पत्र आदि के माध्यम से तापमान पर नजर रखें. वहीं घर के ऐसे दरवाजे और खिड़कियां, जो सीधे धूप के प्रभाव में रहते हैं, उन्हें बंद रखें या पर्दें डालकर रखें. इन्हें रात में शुद्ध हवा के लिये खोलें.

इन लोगों को बरतनी होगी ज्यादा सावधानीबच्चे, गर्भवती महिलाएं, मानसिक रोगी, ब्लड प्रेशर, ह्रदय रोग आदि गंभीर बीमारियों से ग्रसित व्यक्ति अतिरिक्त सावधानी बरतें. सामान्यत: शरीर का तापमान 36.4 डिग्री सेल्सियस से 37.2 डिग्री सेल्सियस होता है. लू लगने पर तापमान में बढ़ोत्तरी, घमोरियां, हाथ-पांव और टखनों में सूजन, बेहोशी, मांसपेशियों में ऐठन आदि हो सकती है. हीट स्ट्रोक हार्ट, श्वसन और किडनी के मरीजों को पेरशानी में डाल सकता है.

हीट स्ट्रोक से बचने के लिए करें ये उपायसनबर्न होने पर त्‍वचा पर लाल चकता, सूजन, फफोले, सिरदर्द होने पर प्रभावित को बार-बार नहलाये. यदि फफोले निकल आये हो तो स्‍टरलाइज ड्रेसिंग करें और डॉक्‍टर की सलाह लें. हीट स्ट्रोक के कारण शारीरिक ऐठन होने पर पैरों, पेट की मांसपेशियों और शरीर के बाहरी भागों में तकलीफ देह ऐठन, अत्‍यधिक पसीना आने पर प्रभावित को छांवदार स्‍थल पर तत्‍काल ले जाये.

ऐंठन वाले शरीर के भाग को जोर से दबायें और धीरे-धीरे सहलाये. प्रभावित को ठंडा पानी, छाछ और पना पिलायें. यदि उबकाई आ रही हो तो ठंडा पानी पिलाना बंद कर दें और तत्‍काल नजदीकी प्रथमिक चिकित्‍सा केन्‍द्र पर ले जाये.

डॉ. भार्गव के मुताबिक अगर आप धूप से आएं हैं और चक्कर, बेहोशी, जी मचलाना, उल्टी, सिरदर्द, तीव्र, प्यास और सांस-धड़कन तेज हो गई है, तो फौरन ठंडे स्थान पर पहुंचे और ठंडा पेय पदार्थ पिएं. खाना बनाते समय दरवाजा और खिड़की खोलकर रखें. चाय, कॉफी, साफ्ट ड्रिंक और जिनमें अधिक मात्रा में शक्कर होती है ऐसे पेय पदार्थों का सेवन न करें.

यह पदार्थ शरीर के जल को कम करते हैं और पेट में मरोड़ उत्पन्न करते हैं. बासी भोजन करने से बचें.अधिकतम पानी का सेवन सर्वोत्तम है.अगर एक घंटे से अधिक समस्या रहती है, तो चिकित्सकीय सलाह लें.

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