MP News: मंत्रालय में मंत्री की स्थापना के तहत कार्यरत अस्थायी कर्मचारियों की विभागीय परीक्षा का एक अजीब हिस्सा है साइकिल चलाकर दिखाना. दरअसल इस परीक्षा के जरिए अस्थायी कर्मचारियों को नियमित किया जाता है. कैबिनेट में तेजी से नियमितीकरण की प्रक्रिया जारी है. दरअसल मंत्रियों के विभाग में जितने भी कर्मचारी जितने भी सालों से काम कर रहे हैं और उन्हें उनके हिसाब से प्रतिवर्ष का उन्हें एक बोनस अंक दिया जाता है.अब डॉ.नरोत्तम मिश्रा, गोपाल भार्गव, विश्वास सारंग समेत 15 मंत्रियों ने जमादार, भृत्य और चौकीदार के रूप में काम कर रहे कर्मचारियों को नियमित करने की सिफारिश की है और इसके लिए नोटशीट भी लिख दी है.


सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) के राज्यमंत्री इंदर सिंह परमार ने भी स्थाई नियुक्ति के लिए एक सिफारिश की है. बता दें कि 11 साल से इन कर्मचारियों की मंत्रालय में स्थाई नियुक्ति नहीं हुई है. ऐसे में मंत्रियों ने नोटशीट भेजकर इनके लिए सिफारिश की है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो यूनियन लीडर सुधीर नायक का कहना है कि इन नियमित करने वाले कर्मचारियों को चतुर्थ श्रेणी का वेतनमान 15500 से 49000 मिल रहा है और इससे राज्य सरकार को किसी तरह के आर्थिक बोझ का शिकार नहीं होना पड़ेगा. नियमितीकरण से कर्मचारियों को यह लाभ होगा कि उन्हें सरकार बदलने पर भी हटाया नहीं जाएगा और गृह भाड़ा भत्ता ( एचआरए ) सहित अन्य सुविधाएं भी मिलती रहेंगी.


इन मंत्रियों ने की सिफारिश


जिन मंत्रियों ने सिफारिश की है उनमें डॉ. नरोत्तम मिश्रा (गृह मंत्री), मीना सिंह मांडवे (आदिम जाति कल्याण, अनुसूचित जाति कल्याण), गोविंद सिंह राजपूत (राजस्व परिवहन), गोपाल भार्गव (लोक निर्माण कुटीर और ग्रामोद्योग), तुलसीराम सिलावट (जल संसाधन), भारत सिंह कुशवाहा (उद्यानिकी और खाद्य प्रसस्करण और नर्मदा घाटी विकास राज्य मंत्री), राम किशोर कांवरे (आयुष राज्य मंत्री, जल संसाधन राज्य मंत्री) का नाम शामिल है. वहीं जगदीश देवड़ा (वित्त वाणिज्यिक कर, वित्त योजना, आर्थिक और सांख्यिकी),  विश्वास सारंग (चिकित्सा शिक्षा, भोपाल गैस त्रासदी राहत और पुनर्वास) ने भी सिफारिश की है.


इसके अलावा सुरेश धाकड़ (लोक निर्माण विभाग राज्य मंत्री), बृजेन्द्र सिंह यादव (लोक स्वास्थ्य और यांत्रिकी राज्य मंत्री), डॉ. प्रभुराम चौधरी (स्वास्थ्य मंत्री), प्रद्युम्न सिंह तोमर (ऊर्जा मंत्री), डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया (सहकारिता, लोक सेवा प्रबंधन), हरदीप सिंह डंग (नवीन और नवकरणीय ऊर्जा) ने भी नोटशीट लिखी है.


3 महीनों में हो सकती है स्थाई नियुक्ति


बता दें कि एक मंत्री को सेवा में रहते हुए केवल 7 कर्मचारियों को अपने बंगले पर रखने की अनुमति हैं. ये कर्मचारी मंत्रियों के कार्यकाल पूरा होने तक ही उस जगह काम करते हैं. लेकिन अब चूंकि राज्य में विधानसभा चुनाव करीब हैं तो उससे पहले मंत्रियों ने अपने कर्मचारियों के रेगुलराईजेशन के लिए सिफारिश करते हुए मुख्यमंत्री को नोटशीट भेजी है. जानकारी के मुताबिक अगले तीन महीनों में कर्मचारियों नियमित कर दिया जाएगा.  इनमें ज्यादातर जमादार, भृत्य और चौकीदार के रूप में काम कर रहे हैं.


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