MP Smart Meter: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के उज्जैन (Ujjain) में स्मार्ट मीटर (Smart Meter) लगाते समय बरती गई लापरवाही की वजह से एक महिला की जान चली गई. इस मामले में चिमनगंज मंडी पुलिस (Chimanganj Mandi Police Station) ने आठ लोगों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज किया है. दरअसल उज्जैन के विराट नगर इलाके में रहने वाली चमेली बाई के घर पर स्मार्ट मीटर लगाया जा रहा था. इस दौरान बिजली के तार लापरवाही पूर्वक छोड़ दिए गए, जिसकी चपेट में चमेली बाई आ गई. इस घटना में चमेली बाई की दर्दनाक मौत हो गई.
महिला के पति मोहन सिंह चौहान ने बताया कि बिजली कंपनी के 8 लोग मीटर लगाने के लिए आए थे. उनकी लापरवाही से यह हादसा हुआ है. हादसे के बाद सभी लोग मौके से फरार हो गए. चिमनगंज मंडी थाना प्रभारी जितेंद्र भास्कर ने बताया कि महिला की मौत के मामले में 8 लोगों को आरोपी मानते हुए उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. अभी आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है. पुलिस के मुताबिक आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद इस बात का भी खुलासा हो पाएगा कि किन परिस्थितियों में यह हादसा हुआ है?
ये भी पढ़ें- Indian Railways: एमपी में बाढ़ के कारण 31 ट्रेनों के बदले गए रूट, परेशानी से बचने के लिये यहां लें पूरी जानकारी
चमेली बाई की मौत पर राजनीति भी शुरू
इस मामले में एमपीईबी के सहायक यंत्री सत्यजीत सिंह की शिकायत पर गैर इरादतन हत्या का अपराध दर्ज किया गया है. मामले में जो आरोपी बनाए गए हैं, उनके नाम मान सिंह, दीपक, आनंद, सुधीर, आनंद रायपुरे, शुभम यादव और यश श्रीवास्तव हैं. स्मार्ट मीटर लगाने के दौरान बरती गई लापरवाही को लेकर चमेली बाई की मौत का मामला राजनीतिक गलियारों में भी तूल पकड़ रहा है. कांग्रेस के अल्पसंख्यक मोर्चा के संभागीय अध्यक्ष मकसूद अली ने बताया कि पीड़ित परिवार के घर कांग्रेस के नेता जाएंगे. वहीं पीड़ित परिवार को 10 लाख का मुआवजा और बिजली कंपनी के दोषी अधिकारियों को बर्खास्त करने की मांग भी की जाएगी.
स्मार्ट मीटर से अधिक बिल की भी शिकायत
स्मार्ट सिटी उज्जैन में स्मार्ट मीटर शुरू से ही विवादों में घिरे हुए हैं. उपभोक्ताओं की ओर से लगातार मीटर से अधिक बिल निकलने की शिकायत की जा रही है. इंदिरा नगर में रहने वाले अजय सिंह ने बताया कि जब से स्मार्ट मीटर लगा है, तब से बिल डेढ़ से दोगुना हो गया है, जबकि बिजली की खपत पहले जितनी ही है. स्मार्ट मीटर से आ रहे अधिक बिल के कारण उनका बजट बिगड़ गया है. इस मामले में बिजली कंपनी के अधिकारी आरोपों को गलत बता रहे हैं.