चुनाव आयोग ने मध्य प्रदेश में भी मतदाता सूची के स्पेशल इंटेंसिव रिविजन (SIR) की तारीख बढ़ा दी है. आयोग ने एसआईआर की समय सीमा को 7 दिन आगे बढ़ा दिया है. वोटर लिस्ट को संशोधन करने की ये प्रक्रिया अब 11 दिसंबर चक चलेगी. ECI की ओर से रविवार (30 नवंबर) को इस बारे में नोटिफिकेशन भी जारी किया गया है. आयोग ने एमपी समेत कुल 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में एसआईआर की समय सीमा बढ़ाई है.

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इससे पहले एसआईआर को पूरा करने की आखिरी तारीख 4 दिसंबर तय की गई थी लेकिन चुनाव आयोग ने इसमें 7 दिन का अतिरिक्त समय दिया है. जिसके बाद अब लोगों के पास वोटर लिस्ट को अपडेट और सत्यापन करने के लिए अधिक वक्त मिल सकेगा.

SIR प्रक्रिया को लेकर संशोधित तारीखें

  • चुनाव आयोग SIR की समय सीमा 7 दिन बढ़ा दी है.
  • अब SIR की यह प्रक्रिया 11 दिसंबर तक चलेगी.
  • पहले वोटरों के एन्यूमरेशन फॉर्म जमा करने और उन्हें डिजिटाइज करने का काम 4 दिसंबर को तय किया गया था.
  • पोलिंग स्टेशनों को ठीक करने या फिर से व्यवस्थित करने की तारीख भी 11 दिसंबर तय की गई.
  • पहले ड्राफ्ट इलेक्टोरल रोल के पब्लिकेशन की आखिरी तारीख 9 दिसंबर थी, जिसे बढ़ाकर 16 दिसंबर किया गया.
  • दावे और आपत्तियां दर्ज करने का समय 16 दिसंबर, 2025 से 15 जनवरी, 2026 के बीच तय.
  • फाइनल पब्लिकेशन के लिए ECI की अनुमति लेने की आखिरी तारीख 10 फरवरी, 2026 है.
  • वोटर लिस्ट के अंतिम प्रकाशन की नई तारीख 14 फरवरी है, जो पहले 7 फरवरी तय की गई थी

SIR को लेकर कांग्रेस का बीजेपी पर आरोप

मध्य प्रदेश में वोटर लिस्ट के स्पेशल इंटेंसिव रिविजन (एसआईआर) को लेकर राजनीति गरमाई हुई है. इस मसले पर कांग्रेस और बीजेपी आमने-सामने हैं. एमपी कांग्रेस के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने शनिवार (29 नवंबर) को मतदाता सूची में सुधार के लिए चल रहे अभियान पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा, ''कई जगहों से इस बात की शिकायतें आ रही हैं कि कांग्रेस समर्थक मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से गायब किए जा रहे हैं. ये सब बीजेपी के इशारे पर हो रहा है.''

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बीजेपी ने कांग्रेस पर दागे सवाल

वहीं, आईएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक BJP की मध्य प्रदेश इकाई के प्रमुख हेमंत खंडेलवाल ने कांग्रेस पर सवाल दागे. उन्होंने पूछा कि कांग्रेस को यह बताना चाहिए कि एसआईआर की शुरुआत जवाहरलाल नेहरू ने की और यह इंदिरा गांधी ने भी कराया, तो क्या वे लोग गलत थे?