मध्य प्रदेश (MP) में स्कूली बच्चों के लिए अच्छी खबर है. स्कूल के बच्चों (School Children) की पीठ पर बढ़ते बोझ को कम करने के लिए शिवराज सरकार (Shivraj Singh Chouhan Government) ने नई पॉलिसी लागू की है. नई पॉलिसी के अनुसार क्लास 1 से लेकर 5वीं क्लास तक के बच्चों के बैग का वजन 1 किलो से 2.5 किलोग्राम के बीच रहेगा. प्री-प्राइमरी क्लास में अब बच्चों के लिए स्कूल बैग नहीं होगा. 11वीं-12वीं क्लास में छात्र-छात्राओं के बस्ते का वजन साढ़े 3 किलो से 5 किलोग्राम तक रहेगा.
मध्य प्रदेश में स्कूली बच्चों के लिए राहत की खबर
मध्य प्रदेश में बीते कुछ वर्षों से स्कूली बच्चों के बैग का बोझ कम करने की मांग लगातार विशेषज्ञ उठा रहे थे. शिक्षा विभाग (Education Department) ने स्कूल बैग पॉलिसी 2019 को रद्द कर अब स्कूल बैग पॉलिसी 2020 (School Bag Policy 2020) जारी किया है. नई पॉलिसी के अनुसार होमवर्क का तनाव छोटे बच्चों को नहीं दिया जाएगा. सरकार बिना किताब के शिक्षा को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है. मिसाल के तौर पर कंप्यूटर शिक्षा, नैतिक शिक्षा और सामान्य ज्ञान की क्लास बिना किताब के लगेगी. सीबीएसई और एमपी बोर्ड में बच्चों के वजन से 4 गुना ज्यादा भारी स्कूल का बैग है. सीबीएसई की चौथी क्लास के बैग का वजन 9 किलो पाया गया है. पांचवीं क्लास वाले बच्चों के बैग का वजन 17 किलो से ज्यादा रहता है.
बच्चों की पीठ पर बढ़ते वजन को कम करेगी सरकार
दोनों क्लास के लिए स्कूल बैग का वजन ढाई किलो आदर्श होना चाहिए. सातवीं क्लास के बच्चों का स्कूल बैग 22 किलो से ज्यादा वजनी है. स्कूली बच्चों के बैग का भार शरीर के भार से 10 फीसदी से ज्यादा नहीं होना चाहिए. स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार (Inder Singh Parmar) ने बताया कि आने वाले दिनों में बैगलैस व्यवस्था लागू होगी. वजन कम करना और पाठ्यक्रम में कमी लाने पर शिक्षा विभाग की तरफ से लगातार काम किया जा रहा है. नई शिक्षा नीति (National Education Policy) के तहत अब छोटे बच्चों को किताबें लेकर स्कूल में नहीं जाना होगा. बाल वाटिका के तहत नए बदलाव की व्यवस्था की जा रही है. जल्द ही प्रदेश स्कूल संचालकों को स्कूल बैग पॉलिसी 2020 के तहत दिशा निर्देश जारी किए जाएंगे. सरकार की दिशा निर्देशों का सभी स्कूलों को सख्ती से पालन करना होगा.