मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले के सुठालिया में पीएम श्री स्कूल में कुछ छात्रों ने क्लास के दौरान एलईडी स्क्रीन पर अश्लील फिल्म चला दी. इस दौरान क्लास में कुर्सियों पर बैठकर कुछ छात्र फिल्म देख रहे थे. इनमें से एक छात्र ने इसका वीडियो बना लिया. इस वीडियो के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद हड़कंप मच गया. यह मामला पुलिस और प्रशासन तक भी पहुंचा.
इस पूरे मामले में जिला शिक्षा अधिकारी करण सिंह भिलाला ने बताया कि प्राचार्य ने उन्हें जानकारी दी है कि यह वीडियो पुराना है. उन्होंने वीडियो सामने आने के बाद तीन प्राचार्य का एक जांच दल गठित किया है. जो इस मामले में जांच करेगा और 3 दिन में उनके सामने प्रतिवेदन प्रस्तुत करेगा, उसके बाद दोषियों पर कार्रवाई होगी.
प्रिंसिपल हेमंत यादव ने क्या कुछ कहा?
इस स्कूल के प्रिंसिपल हेमंत यादव ने कहा कि मैं 12 मई को प्राचार्य बना हूं. ये वीडियो 8-10 महीने पुराना है. एक युवक ब्लैकमेल कर 50 हजार की डिमांड कर रहा था. मैंने इनकार किया तो वीडियो वायरल कर दिया.
स्कूल के क्लासरूम में बनाए गए एक वीडियो में छात्रों की पढ़ाई के लिए लगी एलईडी टीवी स्क्रीन पर अश्लील फिल्म चल रही है. स्क्रीन के पास एक छात्र खड़ा है.
13 छात्र कुर्सियों पर बैठे हैं. टेबल के पास बैठे कुछ छात्र अपने मोबाइल से स्क्रीन पर चल रही फिल्म का वीडियो रिकॉर्ड कर रहे हैं. इसी दौरान, जब एक अन्य छात्र इनकी इस हरकत का वीडियो बनाता है, तो कुछ छात्र हंसते हुए अपना चेहरा छिपाते नजर आ रहे हैं.
पीएम श्री स्कूल प्राचार्य हेमंत यादव ने कहा कि बृजमोहन सूर्यवंशी नाम शख्स का मेरे पास दो-तीन बार फोन आया. उसने शाम को मिलने बुलाया और वो वीडियो बताया. मैंने कहा कि इसका कोई मतलब नहीं है मेरे कार्यकाल से. वीडियो में जो बच्चे दिख रहे हैं वो पुराने सत्र के हैं. उसने मेरे से 50 हजार रुपये की मांग की.
मैंने उसकी बात नहीं मानी. पुलिस थाने जाने वाला था उससे पहले उसने वीडियो वायरल कर दिया. ये वीडियो 8 से 10 महीने पुराना है. मैं 12 मई को प्राचार्य बना हूं. पहले शिक्षक था.
स्कूल में बच्चे के लिए यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण- साकेत शर्मा
बाल कल्याण समिति अध्यक्ष साकेत शर्मा ने कहा कि राजगढ़ के एक स्कूल में क्लासरूम में छात्रों द्वारा अश्लील वीडियो देखा जा रहा था. यदि स्कूल में इस प्रकार के वीडियो बच्चे देख रहे हैं तो यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है. प्रबंधन को इस ओर ध्यान देना चाहिए था.