MP Police Recruitment Scam: मध्य प्रदेश में आरक्षक जीडी भर्ती परीक्षा 2023 में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. ग्वालियर पुलिस ने दस्तावेजों की जांच के दौरान खुलासा किया है कि कई अभ्यर्थियों ने असली परीक्षा के स्थान पर सॉल्वर बैठाकर परीक्षा दिलवाई थी. इस मामले में पुलिस ने मुरैना, श्योपुर और शिवपुरी जिलों के पांच अभ्यर्थियों पर FIR दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

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आरक्षक (GD) भर्ती परीक्षा 2023 की चयन प्रक्रिया के अंतर्गत जब दस्तावेज़ों की जांच की जा रही थी, तब अधिकारियों को कुछ अभ्यर्थियों की फोटो और हस्तलिपि संदिग्ध लगी. प्रारंभिक छानबीन में सामने आया कि इन अभ्यर्थियों ने परीक्षा के पहले आधार कार्ड में बायोमेट्रिक और फोटो अपडेट करवा कर अपने स्थान पर सॉल्वर (नकली उम्मीदवार) को परीक्षा में बैठाया था.

किन अभ्यर्थियों पर दर्ज हुआ केस?

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परीक्षा समाप्त होने के बाद, इन अभ्यर्थियों ने फिर से अपने आधार कार्ड में वास्तविक फोटो और बायोमेट्रिक अपडेट करवा लिए ताकि आगे की प्रक्रिया में कोई शक न हो. हालांकि, दस्तावेज़ों की सावधानीपूर्वक जांच और मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल से प्राप्त रिकॉर्ड्स से सच्चाई सामने आ गई.

ग्वालियर के कंपू थाना में जिन पांच अभ्यर्थियों पर मामला दर्ज हुआ है, उनके नाम और पते इस प्रकार हैं:

1. दीपक सिंह रावत – निवासी श्योपुर

2. उमेश रावत – निवासी सबलगढ़, जिला मुरैना

3. हक्के रावत – निवासी नरवर, जिला शिवपुरी

4. इमरान – निवासी जौरा, जिला मुरैना

5. विवेक – निवासी पोरसा, जिला मुरैनाइन सभी पर धोखाधड़ी, कूटरचना, और आईटी अधिनियम की धाराओं में केस दर्ज किया गया है.

कैसे पकड़ा गया फर्जीवाड़ा?

जुलाई 2023 में सभी आरोपियों ने अपने आधार कार्ड में फोटो और बायोमेट्रिक्स बदलवाए थे. 16 अगस्त से 15 सितंबर 2023 के बीच हुई लिखित परीक्षा में सॉल्वर ने उनके स्थान पर परीक्षा दी. परीक्षा के बाद सभी ने दोबारा आधार अपडेट करवा कर अपना असली डेटा वापस डलवाया. दस्तावेज़ सत्यापन के समय फोटो और बायोमेट्रिक मेल नहीं खाने पर मामला संदिग्ध पाया गया. जब चयन मंडल से परीक्षा का मूल रिकॉर्ड मंगवाया गया, तो सॉल्वर की मौजूदगी की पुष्टि हो गई.

घोटाले के उजागर होने के बाद 14वीं वाहिनी विसबल में पदस्थ उप निरीक्षक रघुनंदन शर्मा ने कंपू थाना, ग्वालियर में शिकायत दर्ज करवाई. पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए पांचों अभ्यर्थियों के खिलाफ IPC की धारा 420 (धोखाधड़ी), 467, 468 (कूटरचना), और IT अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया.

SSP ग्वालियर धर्मवीर सिंह का बयान:

SSP ग्वालियर धर्मवीर सिंह ने बताया कि प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि चयनित अभ्यर्थियों ने परीक्षा में सॉल्वर बैठाकर धोखाधड़ी की है. FIR दर्ज की जा चुकी है और सभी आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं. यह मामला भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता को नुकसान पहुंचाने वाला है, और इसमें पूरी गंभीरता से कार्रवाई की जाएगी.