Kuno National Park Madhya Pradesh: केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव (Bhupendra Yadav) ने रविवार को कहा कि मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान (KNP) में सभी आठ चीते ठीक हैं और नए माहौल में अच्छी तरह से ढल रहे हैं. इन सभी आठ चीतों को 17 सितंबर को अफ्रीका (Africa) के नामीबिया (Namibia) से ‘महत्वपूर्ण प्रजाति पुन: परिचय परियोजना’ के तहत मध्य प्रदेश लाया गया था. जबकि उसी दिन इन सभी चीतों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Namibia) ने उनको बाड़ों में छोड़ दिया था.

भूपेंद्र यादव ने दिन में केएनपी में शोधकर्ताओं, वैज्ञानिकों और वन अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर स्थिति का पता लगाया. बैठक के केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री ने ट्वीट कर कहा,''यह जानकर खुशी हुई कि सभी आठ चीते अच्छी तरह से नए माहौल में ढल रहे हैं."

इससे पहले 1947 में वर्तमान छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में भारत के अंतिम चीते की मौत हो गई थी, जिसके बाद 1952 में इस प्रजाति को देश में विलुप्त घोषित कर दिया गया था. आठ किलोमीटर दूर नामीबिया से लाये गए इन चीतों को 17 सितबंर में को कूनो राष्ट्रीय उद्यान में छोड़ा गया था. जिससे इस उद्यान ने पूरी दुनिया में सुर्खियां बटोरी थीं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कई अन्य हस्तियों की मौजूदगी में वर्ष 1952 में भारत में विलुप्त हुए, चीतों की आबादी को फिर से बसाने की परियोजना के तहत इस उद्यान के विशेष बाड़ों में छोड़ा था. जिस समय इन चीतों को बाड़ों में छोड़ा गया था उस समय ये सहमे हुए नजर आ रहे थे.

गौरतलब हो इन 8 अफ्रीकी चीतों को एक खास चार्टर विमान से भारत लाया गया था. कूनो राष्ट्रीय उद्यान में छोड़े गए 8 चीतों में 5 मादा और 3 नर चीते शामिल हैं. नामीबिया से चीतों के भारत शिफ्ट करने में एक खास बात यह भी रही, वह यह कि ऐसा पहली बार हुआ जब दुनिया के किसी भी देश में चीतों को शिफ्ट करने का काम एयरलाइन कंपनी पहली बार कर रही थी.

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