Madhya Pradesh: मध्यप्रदेश के बड़े शहरो में ट्रैफिक नियमो को तोड़ने वालों के  ई -चालान की शुरुआत हो  गई है. धीरे -धीरे पूरे प्रदेश में यह व्यवस्था लागू हो जाएगी. इसके लिए बाकायदा पुलिस महकमे में ट्रेनिग चंल रही है. आज से प्रदेश के सागर सम्भाग में ई चालान शुरू किए जा रहे है. इसके लिए सागर झोंन के आईजी अनुराग ने एक ट्रेनिग कांफ्रेंस  पुलिस अधिकारियों की ली. अब जल्द ही शहर के चौराहों पर ट्रैफिक पुलिसकर्मी पीओएस मशीनों के जरिए ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों से जुर्माने की राशि लेते नजर आएंगे. पहली बार सम्भागीय मुख्यालय सागर शहर में इस तरह की शुरुआत हुई. एसपी तरुण नायक ने ट्रेफिक पुलिस के साथ ई-चालान किये.

पारदर्शिता बनी रहे और केशलेश पेमेंट को बढ़ावा सागर झोंन के आईजी अनुराग ने सम्भाग के पांचों जिलों के अधिकारियो की ट्रेनिग के बाद एसपी तरुण नायक के साथ मीडिया से चर्चा की. आईजी अनुराग ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट की गाईडलाईन के मुताबिक ट्रैफिक नियमो को तोड़ने वालों के चालानी कार्यवाई में पारदर्शिता बनी रहे और काम जल्दी हो इसके लिए पूरे प्रदेश भर POS मशीन के जरिये ई चालान और ईपेमेंट कि शुरुआत की जा रही है. सागर में आज से इसकी शुरुआत हुई. इसके लिए ट्रेनिग दी जा रही है.

ट्रैफिक नियमो की धाराएं और उनके जुर्माने की राशि फीड है मशीन मेंआई जी ने बताया कि POS मशीन में कई तरह से काम करेगी . इसमें एक साफ्ट वेयर है . इसके पीछे एक कैमरा भी लगा है जो मोके की फोटो उतारेगा.  जिसमे  ट्रैफिक नियमो की नए मोटर व्हीकल एक्ट के मुताबिक विभिन्न धाराओं और उनके जुर्माने की राशि फीड है.जिस धारा का उल्लंघन होगा उसको भरते ही जुर्माने की राशि सामने आ जायेगी और उसे भरना पड़ेगा.

इस लेनदेन केलिए स्टेट बैंक आफ इंडिया से मध्यप्रदेश पुलिस ने टाइअप किया है. इसके लिए डेविट कार्ड/एटीएम और नेट बैंकिंग आदि का उपयोग होगा. आने वाले दिनों में यूपीआई / क्यू आर कोड सिस्टम भी लागू हो जाएगा. अगर कोई नकद भुगतान करना चाहता है तो इस पर गाड़ी का नंबर और नियम के उल्लंघन की जानकारी फीड करते ही पर्ची निकल जाएगी. इसके बाद नकद भुगतान लिया जा सकेगा.

पैसा नही तो दूसरी व्यवस्थाएं भी, वर्चुअल कोर्ट भी आई जी  का कहना है कि किसी व्यक्ति के पास जुर्माने की राशि नही है और क्रेडिट कार्ड भी नही है. तो उसका गाड़ी नम्बर और  मोबाइल नम्बर फीड किया जाएगा. उससे एक sms जनरेट होगा. जो उसके फोन पर आएगा. इस नंबर पर पीओएस के जरिये लिंक भेजी जाएगी., जिस पर तीन दिन के अंदर भुगतान करना होगा. एक हफ्ते में वह उसे नेट बैंकिंग के जरिये भर सकता है. या थाने में जाकर भरा जा सकता है. 

एक हफ्ते बाद यह जुर्माना वर्चुअल कोर्ट में भरा जाएगा. अभी ये वर्चुअल कोर्ट इंदौर, भोपाल ,जबलपुर और इंदौर में ही है. जुर्माने का मामला 15 दिन बाद स्थानीय कोर्ट में चलेगा.

एक से अधिक दफा नियमो को तोड़ा तो बताएगी मशीनएक से अधिक दफा ट्रैफिक नियमो को तोड़ने वालों की अब खेर नही है. यदि पहले ई-चालान कटा है  और दूसरी दफा फिर नियमो को तोड़ते पकड़े गए तो यह POS मशीन पुराना रिकार्ड बता देगी. आईजी अनुराग के मुताबिक  कई दफा नियमो को तोड़ने वालों के ड्राईविंग लायसेंस और मोटर विहकल एक्ट के तहत अन्य वैधानिक कार्यवाही की जाएंगी. आईजी अनुराग ने बताया कि अभी पुरानी व्यवस्था भी लागू रहेगी. ग्रामीन इलाको में भी ये मशीन भेजी जा रही है. 

पुलिस झोंन के सभी जिलों को मिली POS  मशीनआई जी अनुराग के मुताबिक मध्यप्रदेध पुलिस  ने सागर झोंन के सभी जिलों के लिए POS मशीन मुहैया कराई है.  सागर जिले को 60, छत्तरपुर जिले को 30 और टीकमगढ, पन्ना, दमोह और निवाड़ी जिले को 15-15 मशीन उपलब्ध कराई गई है. हर जिले में इस व्यवस्था  के प्रभारी ASP स्तर के अधिकारी होंगे.

यह भी पढ़ें:

Mandsaur Crime News: पुलिस को मिली बड़ी कामयाबी, आर्किटेक्ट को किडनैप कर 50 लाख की फिरौती मांगने वाले गिरोह को किया गिरफ्तार

Shajapur News: शाजापुर में बोले चंद्रशेखर आजाद- 'लोगों को हिंदू-मुस्लिम में उलझा रही है सरकार'