Budget in MP: मध्य प्रदेश में विधायको हर साल मिलने वाले विधायक निधि के खर्च अब आसान होने जा रहे हैं. स्वच्छता अनुदान भी बढ़ेगा और विधायकों द्वारा बताए गए कामों की मंजूरी भी एक समय सीमा पर होगी. मध्यप्रदेश की विधानसभा सदस्य सुविधा समिति ने इसकी तैयारी कर ली है. जल्दी विधानसभा अध्यक्ष डॉक्टर गिरीश गौतम के साथ समिति मुख्यमंत्री के सामने अपनी बात रखेगी. बताया जा रहा है कि शासन भी तकरीबन  समिति की सिफारिशों से सहमत है. आने वाले बजट सत्र में इसका बदलाव की घोषणा हो सकती है विधायक निधि के खर्च की मंजूरी जुड़े अधिकारियों को ओर बढ़ा सकते हैं.

विधायक निधि में मिलती है 1 करोड़ 85 लाख रुपयेगौरतलब है कि इस समय विधायकों को 1 करोड़ 85 लाख रु.लगभग विधायक निधि मिलती है. इसी में 15 लाख रुपए स्वच्छता अनुदान के होते हैं. समिति के सभापति शैलेंद्र जैन का कहना है कि परिस्थितियों और समय बदल गया है एक एक विधानसभा में 2.25 लाख से 2.5 लाख लोगों की हो गई है. शादी-ब्याह बीमारी व अन्य कामों के लिए स्वच्छता अनुदान कम पड़ता है. विधानसभा अध्यक्ष के साथ तमाम मसलों पर बात हो गई है. जल्दी उनके साथ मुख्यमंत्री से मिलेंगे.

जनकार्य और विकास कार्य पर खर्च होती है राशिबता दें कि वर्तमान में मध्य प्रदेश के विधायकों को 1 करोड़ 85 लाख रुपए की विधायक निधि मिलती है. वे राशि से अपनी अनुशंसा से जनकार्य, विकास कार्य, खेल, शिक्षा आदि पर खर्च कर सकते हैं. इसके लिए प्रस्ताव विधायक की अनुशंसा पर ही मंजूर होते हैं और राशि भी इसी आधार पर दी जाती है. कमलनाथ सरकार के दौरान भी विधायकों की स्वेच्छानुदान राशि बढ़ाए जाने पर चर्चा शुरू हुई थी. लेकिन तब यह प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ पाई थी. लेकिन अब माना जा रहा है विधायकों की यह राशि बढ़ाई जा सकती है. 

2016 में बढ़ा था फंड इससे पहले 2016 में विधायकों की स्वेच्छानुदान राशि बढ़ाई गई थी. तब विधायकों को 80 लाख रुपए की राशि मिलती थी, जिसे बढ़ाकर एक करोड़ रुपए 80 लाख रुपए कर दिया गया था. बताया जा रहा है कि इस मुद्दे पर विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम सीएम शिवराज सिंह चौहान के साथ चर्चा करेंगे, इसके बाद इसका फायनल ड्राफ्ट तैयार किया जाऐगा. माना जा रहा है विधानसभा के बजट सत्र में इसका प्रस्ताव सदन में लाया जाएगा, मंजूरी मिलने के बाद स्वेच्छा अनुदान राशि बढाई जाएगी. 

इन बदलावों को लेकर समिति की सहमति

  • स्वच्छता अनुदान 15 लाख से बढ़ाकर  50 लाख रु तक हो.
  • 25 लाख रुपए तक स्वीकृति अधिकार कलेक्टर को, 25 लाख से अधिक 50 लाख का कमिश्नर को है.
  • इससे अधिक के कामों की मंजूरी राज्य शासन से मिलती है . इसे स्थानीय स्तर पर कर सकते हैं
  • पुराने भवन समेत अन्य कामों की मरम्मत की छूट मिले. अभी विधायक निधि से सिर्फ नए काम ही हो सकते हैं. मरम्मत या पुराने कामों के लिए दूसरे विभागों के पास जाना पड़ता है.
  • सांसद निधि की तरह ही विधायक निधि भी लैप्स ना हो अगले वित्तीय वर्ष में कैरी फॉरवर्ड हो.

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