Mohania Ghati Tunnel: मध्य प्रदेश के रीवा जिले में आधुनिक इंजीनियरिंग का कमाल देखने को मिल रहा है, यहां आजाद भारत की पहली एक्वाडक्ट (Aqueduct) टनल बनाई गई है. यह किसी चमत्कार से कम नहीं है. यह इंजीनियरिंग का नया शाहकार भी है. पिछले दिनों मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की इस 1600 करोड़ की लागत वाली पहली एक्वाडक्ट टनल (Aqueduct Tunnel) और फोर लेन बाईपास सड़क को आम जनता के लिए खोल दिया गया. इसका लोकार्पण करते हुए केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने इसे प्रगति का हाइवे बताया. अब सोशल मीडिया पर इस टनल से यात्रा के खूब वीडियो पोस्ट किए जा रहे हैं.


टनल में लगे हैं 100 से ज्यादा कैमरे, हर 200 मीटर पर फोन
इस 2.28 किमी लंबी 6-लेन ट्विन टनल की तमाम खासियतें हैं. इसमें नीचे हाईवे रोड टनल है तो ऊपर से बाणसागर नहर गुजर रही है. इसके ऊपर पहले से बनी सड़क है. इसे एक्वाडक्ट (Aqueduct) टनल कहा जा रहा है. इस टनल में आधुनिक इंजीनियरिंग की मदद से अन्य निर्माण कार्य के अंतर्गत एक बड़ा और एक छोटा ब्रिज, एक आरओबी, एक ओवरपास, एक अंडरपास, 4 नहर क्रॉसिंग,11 बाक्स कलवर्ट और 20 पुलिया का निर्माण किया गया है. न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग मेथड (NATM) पद्धति से बनी यह ट्विन टनल हर 300 मीटर में एक-दूसरे से मिलती है, जिससे आवागमन में बाधा नहीं होगी. टनल में एक्जास्ट फैन,ऑप्टिकल फाइबर लीनियर आईटी डिटेक्शन सिस्टम, फायर सिस्टम, कंट्रोल रुम, 100 से ज्यादा कैमरे, हर 200 मीटर पर फोन की सुविधा जैसी अत्याधुनिक सुविधाएं दी गई हैं.


ढाई घंटे का सफर मात्र 45 मिनट में
बताया जाता है कि इस के बनने से रीवा से सीधी के बीच 7 किमी की दूरी कम हो गई है, जिससे ढाई घंटे की दूरी सिर्फ 45 मिनट में पूरी की जा सकेगी. यहां मोहनिया घाटी में घुमावदार मोड़ होने के कारण वाहनों के आने-जाने में अधिक समय लगने के साथ दूर्घटना होने की आशंका रहती थी, जो इस टनल के बनने से समाप्त हो गई है.
अब रीवा से सीधी का रास्ता आसान हो जाएगा. अभी तक लोगों को मोहनिया घाटी की खड़ी पहाड़ियों को पार करना पड़ता था. यहां की सड़क काफी संकरी थी. ऐसे में अगर कोई भारी वाहन बीच घाटी में फंस जाए तो कई दिनों तक जाम लगा रहता था. घाटी में लूट की घटनाएं भी आम थीं. अक्सर हादसे होते रहते थे. सुरंग बनने के बाद इन समस्याओं से निजात मिलेगी.


एक नजर में एक्वाडक्ट टनल
. मोहनिया घाटी सुरंग की लम्बाई 2300 मीटर यानी 2.3 किमी है और इसे बनाने में 1600 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं.
. मोहनिया घाटी सुरंग के अंदर 100 से ज़्यादा हाईटेक कैमरे फिट किए गए हैं, जो यहां के यातायात पर 24 X 7 निगरानी रखेंगे.
. मोहनिया घाटी सुरंग में प्रवेश करने के बाद कोई यू टर्न (U Turn) लेना चाहे तो इसकी व्यवस्था भी की गई है. रीवा सीधी टनल में ऐसे 6 पॉइंट दिए गए हैं, जहां से यू टर्न लेकर आप अपना रास्ता बदल सकते हैं.


. मोहनिया सुरंग 6 लेन की बनाई गई है जिसमें दो पहिया, चार पहिया और बस-ट्रक जैसे भारी वाहन भी सुरक्षित तरीके से सुरंग को पार कर सकते हैं. सुरंग की सड़कें इतनी चौड़ी हैं कि यहां जाम नहीं लग सकता है.


.  मोहनिया सुरंग की दोनों लेन की चौड़ाई 13-13 मीटर और ऊंचाई 6 मीटर है. मतलब एक लेन में एक साथ 3 ट्रक आराम से गुजर सकते हैं.


. मोहनिया सुरंग में लूट जैसी घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस का एक दस्ता हमेशा गश्त लगाता रहेगा.


. मोहनिया सुरंग के अंदर अगर कोई दुर्घटना हो जाती है तो सीसीटीवी (CCTV) कैमरा से कंट्रोल रूम तक तुरंत इसकी जानकारी पहुंच जाएगी और जल्द से जल्द एनएचएआई (NHAI) की टीम यहां पहुंच जाएगी.


. मोहनिया सुरंग में बारिश के वक़्त या पहाड़ों से रिसने वाले पानी को रोकने के लिए अलग से वॉटर ड्रेनेज सिस्टम बनाया गया है. सुरंग की दीवारों में वॉटर प्रूफिंग सिस्टम है जो सीपेज से आने वाले पानी को अंदर ही अंदर बाहर निकाल देता है. बाहर एक सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) बना हुआ है, जो पानी को फ़्लिटर करता है.


. मोहनिया की सुरंग में 24 घंटे रोशनी रहेगी. यहां तक बिजली पहुंचाने के लिए एशिया के सबसे बड़े गूढ़ सोलर प्लांट के ग्रिड से इसे जोड़ा गया है. सुरंग के भीतर 20 मीटर में हाई मास्क लाइट लगी हुई हैं.


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