Bhopal News: मध्य प्रदेश में शिक्षकों की तबादला नीति अब उनके लिए परेशानी का सबब बन गई है. राजधानी भोपाल के शिक्षकों को तीन महीने से वेतन नहीं मिल सका है. इसकी वजह शिक्षकों के पास काम नहीं होना बताया जा रहा है. बता दें कि मध्य प्रदेश में तीन महीने पहले तबादला नीति के तहत 24 हजार से ज्यादा टीचर्स के ट्रांसफर किए गए थे. 

हालांकि, इस स्थानांतरण नीति में कई गड़बड़ियां भी सामने आई थीं. तबादला नीति के चलते प्रदेश के कई स्कूल शिक्षक विहिन ही हो गए हैं, तो कई स्कूलों में पदों से ज्यादा शिक्षक पहुंए गए.

पद नहीं, तो ज्वाइनिंग नहींप्रदेश में तबादला नीति में स्थिति यह बनी कि कई जिलों में पद नहीं होने के कारण शिक्षकों को जॉइनिंग ही नहीं मिल पा रही है. जब ऐसे शिक्षकों के वेतन बिल कोषालय में प्रस्तुत किए गए तो वहां से भुगतान के लिए मना कर दिया गया. राजधानी भोपाल के ऐसे करीब 315 शिक्षक है जिन्हें तीन महीने से वेतन नहीं मिल सका है. इनमें 121 उच्च माध्यमिक, 148 माध्यमिक और 46 प्राथमिक शिक्षक शामिल हैं. अब वेतन नहीं मिलने की वजह से शिक्षकों को आर्थिक तंगी से जूझना पड़ रहा है.

ऑफलाइन भुगतान की मांगजिला शिक्षा अधिकारी नितिन सक्सेना के मुताबिक 315 शिक्षक अकेले राजधानी भोपाल के ही है. विकासखंड शिक्षा अधिकारी ने लोक शिक्षण संचालनालय को पत्र लिखकर 315 शिक्षकों के लिए पदों की मांग की. साथ ही जब तक पद उपलबध नहीं होते ऑफलाइन वेतन भुगतान करने की अनुमति मांगी है. बता दें कि तबादला नीति के तहत ऑनलाइन तबादले में शिक्षा पोर्टल पर 43 हजार 118 शिक्षकों ने ऑनलाइन आवेदन कर तबादला मांगा था, इनमें नौ हजार 681 प्राथमिक, आठ हजार 96 माध्यमिक, तीन हजार 835 उच्च माध्यमिक एवं अन्य एक हजार 923 शिक्षक शामिल हैं.

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