MP local body election: मध्य प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव में फर्जी मतदान के भी कई मामले सामने आए. इन मामलों को पकड़ने में पीठासीन अधिकारियों को काफी मशक्कत करना पड़ी. उज्जैन में भी एक फर्जी मामला उस समय सामने आया, जब मतदाता अपने पिता का नाम ही भूल गया. जब पिता का नाम नहीं बता पाया तो उसकी पोल खुल गई. पुलिस ने फर्जी मतदाता के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है. 


कैसे खुली पोल
बुधवार को उज्जैन में नगरीय निकाय चुनाव के मतदान हुए. इस मतदान में पीठासीन अधिकारी ने एक फर्जी मतदाता को पकड़ लिया. मतदाता सत्यनारायण पोरवाल ग्राम बेरछा जिला रतलाम का रहने वाला था. वह फर्जी मतदान करने के लिए मॉडल स्कूल स्थित मतदान केंद्र पर पहुंचा था. जब उसका चेहरा मतदाता परिचय पत्र से नहीं मिला तो पीठासीन अधिकारी ने उसे अलग खड़ा कर दिया. युवक ने अपना नाम सौरभ कुशवाहा बताया था. जब पीठासीन अधिकारी ने युवक से उसके पिता का नाम पूछा तो वह बगले झांकने लगा. इसके बाद उसकी पोल खुल गई. 


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पुलिस ने किया गिरफ्तार
उसने स्वीकार कर लिया कि वह फर्जी मतदान करने के लिए आया था. फर्जी मतदाता सत्यनारायण पोरवाल को उसी समय नीलगंगा थाना पुलिस को सुपुर्द कर दिया गया. नीलगंगा थाना प्रभारी तरुण कुरील ने बताया कि पीठासीन अधिकारी की शिकायत पर सत्यनारायण पोरवाल के खिलाफ फर्जी मतदान की कोशिश का मामला दर्ज कर लिया गया है. इस मामले में सत्यनारायण की गिरफ्तारी भी कर ली गई है. 


10 मिनट पहले पहुंचा 
चुनाव लड़ रहे कुछ प्रत्याशियों ने ऐसे लोगों को भी अलग-अलग स्थानों से बुला रखा था जो एन वक्त पर उनकी मदद कर सकें. ऐसा ही कुछ फर्जी मतदाता सत्यनारायण पोरवाल के मामले में देखने को मिला. नीलगंगा थाना प्रभारी तरुण कुरील ने बताया कि, सौरभ कुशवाहा किसी कारण से मतदान करने नहीं आ पाया था. इसी का लाभ उठाकर सत्यनारायण पोरवाल मतदान खत्म होने के 10 मिनट पहले मतदान केंद्र पर पहुंचा. उसने खुद को सौरभ कुशवाहा बताया. इसके बाद जब उसपर शक हुआ तो पूरा मामला प्रकाश में आया. इसी प्रकार से फर्जी मतदाता के मामले दूसरे जिले में भी सामने आए हैं.


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