Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश की धार्मिक राजधानी उज्जैन (Ujjain) में विनोद मिल की चाल के 160 मकानों को हटाने की कार्रवाई शुरू हो गई है. इस कार्रवाई से मजदूर वर्ग के लोग काफी नाराज हैं. लोगों का आरोप है कि सरकार ने वादाखिलाफी करते हुए उन्हें हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी है. उज्जैन में तीन दशक पहले कपड़ा मिल बंद हो गए थे, लेकिन कपड़ा मिल की जमीन पर मजदूरों के लिए बनाए गए मकान आज भी काबिज थे. इन्हीं मील में उज्जैन का विनोद मिल शामिल था. 

दरअसल, विनोद मिल परिसर में मजदूरों के लिए विनोद मिल की चाल बनाई गई थी, जिसमें लगभग 160 मकान हैं. इन मकानों को हटाने की कार्रवाई शुरू हो गई है. उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह के मुताबिक कोर्ट के आदेश पर मजदूरों की देनदारी चुकाने के लिए भूमि का विक्रय किया गया है, जिसके तहत अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जा रही है. अधिकारियों के मुताबिक विनोद मिल में काम करने वाले से 3700 मजदूरों का लगभग 98 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि बकाया थी. इस जमीन को बेचकर उनकी राशि को चुकाया जा रहा है. इन्हीं मजदूरों में से 160 परिवार विनोद मिल की चॉल में रह कर रहे थे.

आज से चलेगा बुलडोजरविनोद मिल की चाल में रहने वाले सुरेश यादव के मुताबिक उनकी तीन पीढ़ियां इसी मकान में आकर रह चुकी है. लेकिन अब इसे हटाने की कार्रवाई की जा रही है. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नगरीय निकाय चुनाव में यह आश्वासन दिया था कि जहां जो लोग काबिज हैं उन्हें हटाया नहीं जाएगा, लेकिन सरकार ने वादाखिलाफी की है. मकानों को हटाने के लिए एक महीने पहले ही नोटिस चस्पा कर दिए गए थे. कुछ लोगों ने स्वेच्छा से मकान को खाली कर दिया है, जबकि कुछ लोग खुद ही तोड़ना शुरू कर चुके हैं. जिन मकानों को लोग स्वेच्छा से नहीं हटाएंगे, उन्हें बुलडोजर के माध्यम से हटा दिया जाएगा. अधिकारियों के मुताबिक रविवार से बुलडोजर शुरू हो जाएगा.

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