Jabalpur: मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर जिले में दहेज का मामला निपटाने के नाम पर एसडीओपी कार्यालय में पदस्थ रीडर ने पीड़ित से 65 हजार रिश्वत मांगी थी. उसे 30 हजार रुपये रिश्वत लेते जबलपुर लोकायुक्त की टीम ने दबोच लिया. रिश्वतखोरी के इस मामले का पता चलते ही एसडीओपी कार्यलय में अफरातफरी मच गई.
लोकायुक्त एसपी संजय साहू के मुताबिक 10 नबंवर को प्रार्थी मेर सिंह निवासी ग्राम मगरधा जिला नरसिंहपुर के द्वारा लोकायुक्त कार्यालय जबलपुर में एक लिखित शिकायत प्रस्तुत की गई थी. जिसमें प्रार्थी द्वारा कहा गया था कि उसकी बहू पुष्पा लोरिया बीमार रहती थी. बीमारी के दौरान प्रार्थी की बहू की मृत्यु हो गई. मृत्यु से पहले प्रार्थी की बहू ने दहेज प्रताड़ना की एक शिकायत एसडीओपी कार्यालय, गाडरवारा जिला नरसिंहपुर में की थी.
मामला निपटाने के लिए मागीं 65 हजार की रिश्वतइस शिकायत की जांच एसडीओपी कार्यालय गाडरवारा में की जा रही थी. शिकायत जांच के दौरान प्रार्थी मेर सिंह को एसडीओपी कार्यालय बुलाया गया. एसडीओपी कार्यालय में पदस्थ एसडीओपी के रीडर संजय दीक्षित के द्वारा मामला का निपटारा करने लिए 65 हजार रुपये रिश्वत की मांग की गई थी.
लोकायुक्त टीम ने रंगे हाथों पकड़ाशिकायत पर बुधवार 23 नवंबर को लोकायुक्त टीम ने ट्रैप प्लान किया. शिकायतकर्ता को लोकायुक्त ने रिश्वत की रकम लेकर एसडीओपी कार्यालय भेजा. उसने रीडर संजय दीक्षित को जैसे ही 30 हजार रुपये की रिश्वत दी,वैसे ही लोकायुक्त की टीम से उसे रंगे हाथों पकड़ लिया. इसके बाद एसडीओपी कार्यालय गाडरवारा में हड़कंप मच गया.
पहले भी सामने आया था रिश्वत लेने का मामलाइससे पहले इंदौर लोकायुक्त पुलिस ने लेबर इंस्पेक्टर को 10 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया था. लोकायुक्त डीएसपी प्रवीण सिंह बघेल ने बताया था कि श्रम विभाग के लेबर इंस्पेक्टर ने फरियादी से रिश्वत की मांग की थी. फरियादी शिवानी शर्मा की एक फर्म तिरुपति हर्ब्स कुंजीर एवेन्यू अंजनी नगर में थी.