Lumpy Skin Disease: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में लगातार फैल रहे लंपी वायरस के कारण अब कई जिलों में प्रतिबंधात्मक आदेश जारी करते हुए पशुओं के परिवहन पर रोक लगा दी गई. इसके अलावा पशु चिकित्सक और कर्मचारियों के अवकाश भी प्रतिबंधित कर दिए गए हैं. मध्य प्रदेश के लगभग एक दर्जन जिलों में लंपी वायरस (Lumpy Virus) फैल गया है. राज्य में जहां भी लंपी वायरस फैल रहा है वहां सरकार की गाइडलाइन के अनुसार पशुओं के परिवहन पर रोक लग गई है. उज्जैन (Ujjain) संभाग के रतलाम के बाद अब उज्जैन में भी कलेक्टर आशीष सिंह ने प्रतिबंधात्मक आदेश जारी कर दिया. 


मवेशियों का आवागमन प्रतिबंधित


इस आदेश के मुताबिक मवेशियों के हाट बाजार पर पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा. इसके अलावा गोवंश के परिवहन पर भी रोक लगा दी गई. उज्जैन जिले से बाहर मवेशियों का आवागमन प्रतिबंधित रहेगा. कलेक्टर के आदेश में स्पष्ट रूप से कहा गया कि यदि कोई आदेश का उल्लंघन करेगा तो उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत आपराधिक प्रकरण दर्ज कर ठोस कार्रवाई की जाएगी. लंपी वायरस के प्रकोप को देखते हुए पशु विभाग के डॉक्टर्स और कर्मचारियों के अवकाश को प्रतिबंधित कर दिया गया. विभाग के कर्मचारियों को अति आवश्यक परिस्थिति में अवकाश लेने पर जिला कलेक्टर से अनुमति लेना पड़ेगी. 


दूध के भाव बढ़ने की आशंका बढ़ी


आमतौर पर बारिश के मौसम में दूध के भाव कम हो जाते हैं लेकिन लंपी वायरस का प्रकोप इस कदर बढ़ता जा रहा है कि दूध के भाव बढ़ने की भी आशंका बढ़ गई है. हाल ही में मध्य प्रदेश के कई जिलों में दूध विक्रय करने वाली सहकारी संस्था सांची ने भी दूध के भाव बढ़ा दिये. यह पहला मौका है जब बारिश के मौसम में दूध के भाव बढ़ रहे हैं. दूध विक्रेताओं के मुताबिक बारिश के दिनों में हरा चारा आने की वजह से दूध के भाव कम हो जाते थे लेकिन इस बार लंपी वायरस की वजह से दूध के भाव फिर बढ़ने की संभावना है.


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