MP Lok Sabha Elections 2024: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने एक बार फिर कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि मैं सर्जन नहीं हूं, लेकिन कांग्रेस का विसर्जन करने आया हूं. कांग्रेस की मानसिकता का विसर्जन जरुरी है. कांग्रेस ने अपनी सड़ी गली व्यवस्थाओं के चलते पार्टी को इस जगह लाकर खड़ा कर दिया कि रोज कांग्रेस के लोग पार्टी छोडक़र बीजेपी ज्वाइन कर रहे हैं. मुख्यमंत्री ने दावा किया कि अब तक ढाई लाख से ज्यादा कांग्रेस कार्यकर्ता पदाधिकारी बीजेपी ज्वाइन कर चुके हैं.


सीएम डॉ. मोहन यादव ने एक निजी चैनल से बातचीत के दौरान कहा कि कांग्रेस ने अब तक संविधान में कई बदलाव किए हैं. कांग्रेस का संविधान में विश्वास ही नहीं है. वहीं अमेठी में राहुल गांधी के चुनाव लड़ने पर उन्होंने कहा कि अमेठी में हमारी जबरदस्त प्रत्याशी हैं स्मृति ईरानी, अब उनके सामने कांग्रेस जबरदस्ती के प्रत्याशी को लाएगी तो वह नहीं टिकेगा, इसलिए राहुल गांधी अमेठी से चुनाव नहीं लड़ रहे हैं. 


अमेठी के लोग त्राहिमाम-त्राहिमाम करने लगे थे
सीएम डॉ. मोहन यादव ने राहुल गांधी के अमेठी से चुनाव नहीं लड को लेकर कहा कि अमेठी गांधी परिवार का कभी गढ़ कहलाता था. लेकिन वहां के लोग त्राहिमाम-त्राहिमाम करने लगे थे. मैं अमेठी होकर आया हूं, मेरा ससुराल सुल्तानपुर रहा है. अमेठी सुल्तानपुर में एक सर्किट हाऊस नहीं, स्कूल नहीं, कॉलेज नहीं थे. गांधी परिवार की अमेठी से तीन पीढ़ी चुनाव लड़ी, प्रधानमंत्री बने. अब जनता ऊब गई है, यही कारण है कि पिछले विधानसभा चुनाव में अमेठी की जनता ने 5 विधानसभाओं में से 4 पर कांग्रेस की जमानत जब्त करा दी. 


पीएम मोदी के मंगलसूत्र वाले बयान को बताया सही
बीते दिनों प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा दिए गए मंगलसूत्र के बयान को सीएम मोहन यादव ने सही बताया. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने जिस दृष्टि से कहा वह यह है कि बाबा साहब ने जो आरक्षण दिया था, उसमें क्या धर्म को जोड़ा था, उसमें हिन्दू मुस्लिम धर्म नहीं था. मुस्लिम धर्म भी नहीं चाहता कि जातिवाद होना चाहिए. जो एससी, एसटी, ओबीसी कॉस्ट है, उसका हक क्यों काटना चाहिए. कांग्रेस ने उनका हक काटा है. इसलिए यह बात अब आई है और चुनाव के समय नहीं आएगी तो कब आएगी. मुसलमान भी बीजेपी को वोट करेंगे. कांग्रेस बुद्धिजीवी मुसलमानों को पसंद नहीं करती है, वह केवल अपने वोट और स्वार्थ की राजनीति करती है.


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