करवा चौथ इस बार 10 अक्तूबर मनाया जाएगा. सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए निर्जला व्रत रखेंगी. पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5:57 से 7:07 बजे तक रहेगा, जबकि चांद इंदौर में 8:33 और भोपाल में 8:26 बजे दिखाई देगा.

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हिंदू धर्म में करवा चौथ का त्योहार बेहद खास माना जाता है. यह व्रत हर साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है. इस बार करवा चौथ 10 अक्तूबर को मनाया जाएगा. सुहागिन महिलाएं इस दिन अपने पति की लंबी उम्र, सुख-समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करती हैं.


मध्य प्रदेश के प्रमुख शहरों में करवा चौथ 2025 चांद निकलने का समय


करवा चौथ पर सबसे अधिक इंतजार जिस पल का होता है, वो है चांद निकलने का समय. हर शहर में चंद्रमा के दर्शन का समय थोड़ा अलग होगा. मध्य प्रदेश के कुछ प्रमुख शहरों में चांद निकलने का समय इस प्रकार है-



  • इंदौर: रात 08:33 बजे

  • भोपाल: रात 08:26 बजे

  • ग्वालियर: रात 08:15 बजे

  • उज्जैन: रात 08:33 बजे

  • जबलपुर: रात 08:20 बजे


महिलाएं इन समयों के अनुसार चंद्र दर्शन कर सकती हैं. चांद निकलने से पहले पूजा सामग्री तैयार रखना शुभ माना गया है.


करवा चौथ व्रत का महत्व


करवा चौथ का व्रत सिर्फ एक धार्मिक परंपरा नहीं, बल्कि पति-पत्नी के प्रेम और विश्वास का प्रतीक है. इस दिन सुहागिन महिलाएं सूर्योदय से पहले उठकर सरगी खाती हैं, जो सास द्वारा दी जाती है. इसके बाद दिनभर निर्जला व्रत रखती हैं. यानी पानी की एक बूंद तक नहीं पीतीं.


शाम को करवा माता की पूजा और कथा सुनने के बाद, रात में चांद निकलने पर छलनी से चंद्र दर्शन करती हैं. चंद्रमा को अर्घ्य अर्पित कर पति के हाथों से पानी पीकर व्रत तोड़ा जाता है.


पूजा का शुभ मुहूर्त


वैदिक पंचांग के अनुसार इस साल करवा चौथ पर पूजा का शुभ समय शाम 5 बजकर 57 मिनट से लेकर 7 बजकर 07 मिनट तक रहेगा. यानी पूजा के लिए 1 घंटा 14 मिनट का समय शुभ माना गया है. इस दौरान महिलाएं करवा माता की पूजा करें, कथा सुनें और करवा में जल भरकर अपने सुहाग की दीर्घायु की प्रार्थना करें.


पूजा की विधि


करवा चौथ की शाम महिलाएं 16 श्रृंगार कर सजी-धजी होती हैं और सुहाग का प्रतीक जैसे सिंदूर, बिंदी, चूड़ी, मेहंदी, मंगलसूत्र आदि धारण करती हैं. पूजा के दौरान एक थाली में दीपक, करवा, जल, रोली, चावल, मिठाई, कहानी की पुस्तक और एक छलनी रखी जाती है.


सब महिलाएं एक साथ बैठकर करवा चौथ की कथा सुनती हैं, जिसमें देवी पार्वती और भगवान शिव की कथा का उल्लेख होता है. इसके बाद महिलाएं एक-दूसरे को करवा देती हैं और आशीर्वाद लेती हैं.