Stray Dogs Terror in MP: मध्य प्रदेश में स्ट्रीम कुत्तों का आंतक जारी है. आए दिन प्रदेश में कुत्तों के हमले के खबर आते रहते हैं. ऐसे में आज यानी 1 फरवरी को पूर्व सीएम उमा भारती ने जिला प्रशासन और नगर निगम के अफसरों के साथ मीटिंग की है. पूर्व सीएम उमा भारती ने मीटिंग के बाद सोशल मीडिया पर जानकारी देते हुए कहा कि वे पेट लवर्स से मुलाकात करेंगे. पूर्व सीएम उमा भारती ने सोशल मीडिया पर जानकारी देते हुए लिखा कि मनुष्य और पशु के बीच सामंजस्य बने, इसे लेकर चर्चा की गई. पेट लवर्स और एनजीओ से आग्रह करेंगे कि वह इन आवारा कुत्तों की जिम्मेदारी लें अन्यथा नगर निगम इनको सुरक्षित स्थानों पर रख लें. श्रमिक, स्त्रियों और उनके बच्चों के लिए निर्माण स्थल पर श्रमिक नीति का क्रियान्वयन हो और इसके उल्लंघन पर कंपनियों पर कार्रवाई हो. 


पूर्व सीएम उमा भारती ने बताया कि पेट लवर्स ने मुझसे मिलने का समय मांगा है. इसमें मैंने सहमति दे दी है. मैं मिलने के लिए उत्सुक हूं और उनके सुझाव चाहती हूं. इस पहल के लिए भोपाल आदर्श बने ऐसा मेरा आग्रह मध्य प्रदेश की अपनी सरकार से है.  राजधानी भोपाल में स्ट्रीट डॉग्स के आतंक को लेकर अब पूर्व सीएम उमा भारती सक्रियता दिखा रही हैं. पूर्व सीएम दो दिन पहले ही मृतक बच्चे के परिवार से मिली. तो वहीं आज पूर्व सीएम भारती नगर निगम के अफसरों के साथ मीटिंग भी किया.


पूर्व सीएम उमा भारती ने की बैठक 


बता दें भोपाल में आवारा कुत्तों की वजह से 13 दिन में दो बच्चों की मौत हो गई है, जबकि 500 से अधिक लोगों को आवारा कुत्तों ने घायल किया है. आवारा कुत्तों की वजह से राजधानी भोपाल में दहशत का माहौल है. इन सबके बीच अब पूर्व सीएम उमा भारती ने अपनी सक्रियता दिखाई हैं. पूर्व सीएम उमा भारती आज जिला प्रशासन और नगर निगम के अफसरों के साथ बैठक की. भोपाल कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह के अनुसार बैठक में जिला प्रशासन से एडीएम स्तर के अधिकारी और नगर निगम के अफसर मौजूद रहें.


सीएम यादव को लिखा पत्र


पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने सीएम डॉ. मोहन यादव को भी पत्र लिखकर स्ट्रीट डॉग्स के मामलों से अवगत कराया. पूर्व सीएम ने पत्र में पुरानी घटनाओं का भी जिक्र किया. उन्होंने लिखा कि मुख्यमंत्री जी, प्रदेश में खासकर भोपाल में श्वानों के तरफ से लोगों के काटने या बच्चों को खा जाने के प्रकरण आपकी जानकारी में होंगे. भोपाल में जिन दो बच्चों को कुत्तों ने खा लिया, वह मजदूर और अत्यधिक साधनहीन परिवार हैं. उनसे बात करते समय यह तथ्य भी सामने आ गया कि निर्माण कार्यों में लगी कंपनियां अपने यहां पर कार्यरत मजदूरों के बच्चों और स्त्रियों के संबंध में हमारी सरकार की बनाई श्रमिक नीति का स्वयं पालन नहीं कर रहे हैं.


जिस प्रकार से निर्माण स्थल पर कार्यरत मजदूर दंपत्ति के 7 माह के बच्चे को कुत्ते खींचकर ले गए और उसे खा लिया. वह एक आपराधिक लापरवाही कंपनी की भी है. यह क्रिमिनल निग्जिलेंसी का केस है. हमारे देश में गरीबों के जिंदा बच्चों को कुत्ते खा गए, यह हमारे पूरे देश और समाज की व्यवस्था के लिए कलंक है. हम आप सभी पशु-पक्षी और प्रकृति प्रेमी हैं, इसलिए मेरा आपसे अनुरोध है कि आप एक व्यवहारिक समाधान इस समस्या का अवश्य निकालिए. इस समाधान में अड़चन बनने वाले और नियमों का उल्लंघन करने वाले लोगों को तुरंत कार्रवाई करके नियमानुसार कठोरतम दंड दीजिए.


ये भी पढ़ें: MP News: 'पीएम मोदी के नेतृत्व में दुनिया की तीसरी अर्थव्यवस्था बनने का सपना होगा साकार', बजट के बाद बोले CM मोहन यादव