Madhya Pradesh News: पश्चिम क्षेत्र बिजली वितरण कंपनी में हो रहे आईपीडीएस घोटाले को लेकर कांग्रेस पार्टी द्वारा लगातार शिकायत की जा रही थी. इस मामले को लेकर अब ऊर्जा मंत्री के द्वारा कंपनी को दिए गए टेंडर को निरस्त करने का आदेश दिया गया है. दरअसल, कांग्रेस पार्टी ने बिजली कंपनी और मंत्री पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर फीडबैक कंपनी और बिजली अधिकारियों के खिलाफ सबूत पेश किए थे. इसे लेकर मुख्यमंत्री से भी शिकायत की गई थी.


मुख्यमंत्री द्वारा ऊर्जा विभाग को जांच के आदेश दिये गए थे. इसके बाद सीएम के सख्त रवैये को देखते हुए ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर (Pradhuman Singh Tomar) ने भी मामले में अधिकारियों को आदेश दिए. ऊर्जा मंत्री ने फीडबैक कंपनी को नियम विरुद्ध दिया गया 19 करोड़ का टेंडर निरस्त करने के निर्देश दिए. 


कांग्रेस ने क्या कहा?


मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश सचिव राकेश सिंह यादव ने बताया कि मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर ने फीडबैक कंपनी को दिया 19 करोड़ का टेंडर निरस्त कर दिया. यह भ्रष्टाचार के विरूद्ध कांग्रेस की जीत है. आईपीडीएस घोटाले में करोड़ों का गबन करने वाली फीडबैक कंपनी और बिजली कंपनी के भ्रष्ट नौकरशाहों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए बर्खास्त करने की मांग की.


इसके साथ ही उन्होंने कहा कि लगातार सबूतों सहित विभिन्न योजनाओं में घोटालों के खुलासे के साथ ही ऐसे भ्रष्ट नौकरशाहों को बर्खास्त करने की मांग की जाएगी. उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में एक विस्तृत रिपोर्ट बनाकर मुख्यमंत्री को दी जाएगी जिससे की बिजली वितरण कंपनी में भ्रष्टाचार को काबू करके भ्रष्ट नौकरशाहों को हटाने का सफाई अभियान चलाया जा सके.


बता दें कि मध्य प्रदेश पश्चिम क्षेत्र बिजली वितरण कंपनी लिमिटेड के द्वारा इंदौर के एक लाख घरों में स्मार्ट मीटर लगाया गया था. उन क्षेत्रों की पहचान कर यह मीटर लगाया गया था जहां सबसे अधिक बिजली की हानि होती है और जिसके आधार पर पारंपरिक मीटरों को रेडियो फ्रीक्वेंसी स्मार्ट मीटर से बदलने का फैसला लिया गया था. 


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