MP Elections 2023: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव का रिजल्ट 3 दिसंबर को आएगा. इसके लिए जितनी उत्सुकता राजनीतिक दल, प्रत्याशी और समर्थकों में है उतनी ही फिक्र प्रशासनिक अफसरों में भी देखी जा रही है. इसकी वजह है कि चुनाव के दौरान दोनों ही प्रमुख दल बीजेपी और कांग्रेस द्वारा चुनाव प्रभावित करने को लेकर एक दर्जन से ज्यादा अफसरों की शिकायतें चुनाव आयोग से की गई हैं. कयास लगाए जा रहे हैं कि सरकार के गठन के साथ सबसे पहला काम प्रशासनिक सर्जरी का ही होगा.
बता दें कि मध्य प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों के लिए 17 नवंबर को मतदान हुआ था. वोटिंग का परिणाम 3 दिसंबर को आएगा. आज से 11 दिन बाद प्रदेश की सत्ता किसे मिलेगी इसका फैसला हो जाएगा. फिलहाल, राजनीतिक दल और प्रत्याशियों को परिणाम का बेसब्री से इंतजार है. इधर चुनाव परिणामों को लेकर प्रदेश के कई अफसर भी चिंतित हैं, क्योंकि चुनाव के दौरान कई अफसरों की शिकायतें चुनाव आयोग से की गई है. ऐसे में जिन अफसरों की शिकायत हुई हैं, उन्हें चिंता है कि सरकार के गठन के बाद सबसे पहले प्रशासनिक सर्जरी होगी. अगर परिणाम उनके मन मुताबिक नहीं आए तो सबसे पहले उन पर ही गाज गिरेगी.
इन अफसरों की हुई है शिकायतदरअसल, चुनाव के दौरान बीजेपी-कांग्रेस द्वारा कई अफसरों की शिकायतें की गई, इनमें बीजेपी ने नगर निगम आयुक्त भोपाल, भिंड कलेक्टर और छतरपुर एसपी की शिकायत की थी. इधर कांग्रेस ने भी कई अफसर कर्मचारियों की शिकायत की थी, जिनमें कांग्रेस ने दतिया और भिंड कलेक्टर-एसपी दोनों की शिकायत की थी. साथ ही ग्वालियर, सीधी और सतना कलेक्टर की शिकायत की गई थी, जबकि बीजेपी की तरफ से कुछ आरओ के रूप में तैनात तहसीलदारों की भी शिकायत चुनाव आयोग से की गई थी.
इन प्रत्याशियों पर एफआईआरआचार संहिता उल्लंघन के मामले में करीब एक दर्जन से अधिक प्रत्याशियों पर एफआईआर दर्ज करने को लेकर शिकायतें की गई हैं. इनमें बीजेपी के गोविंद सिंह राजपूत, लालसिंह आर्य, नरेन्द्र सिंह कुशवाह और कांग्रेस के अर्जुन सिंह काकोड़िया, बीएसपी के कुलदीप सिकरवार, डीडी अग्रवाल और संजीव कुशवाह, इधर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले इछावर की विधानसभा से भी कांग्रेस प्रत्याशी शैलेन्द्र पटेल द्वारा इछावर नगर पंचायत के प्रभारी सीएमओ को हटाने को लेकर शिकायत की थी, लेकिन उनकी शिकायत बेअसर साबित हुई थी.