MP Assembly Election 2023: इंदौर (Indore) में कांग्रेस (Congress) जिला अध्यक्ष की कुर्सी चार महीने से खाली पड़ी है. ऐसे में कांग्रेस को चुनावी वैतरणी पार करने के लिए भगवा दामन से लेकर घोषणाओं के चप्पू चलाने पड़ रहे हैं. ऐसे में अध्यक्ष की नियुक्ति न होना बिना दूल्हे की बारात के समान ही कहा जा सकता है. इंदौर में कांग्रेस पार्टी की हालत कुछ ठीक नजर नहीं आती.
चार महीने से खाली है कुर्सीविधानसभा चुनाव माथे पर हैं. ऐसे में जबकि पार्टी का एकात्म और संगठित होने की जरूरत है, तो कांग्रेस आपसी झगड़ों से ही नहीं उबर पा रही हैं. इंदौर में बीते दिनों दिग्विजय सिंह (Digvijaya Singh) ने भी दौरा किया था लेकिन कहा जा रहा है कि शहर अध्यक्ष न होने के कारण इंदौर में पार्टी नेताओं की बैठक नहीं हो सकी. सियासी कुनबे में चुनावी बयार तेज हो चली है, लेकिन इंदौर कांग्रेस में सन्नाटा है.
घोषणा के तुरंत बाद दिया स्थगनयहां शहर अध्यक्ष को लेकर जमकर एक दूसरे पर कीचड़ उछाली गई. यहां तक की इंदौर शहर अध्यक्ष का नाम फाइनल करने में बड़े नेताओं को पसीना तक आ गया था. जैसे-तैसे इंदौर के विनय बाकलीवाल के नाम को हटाकर कांग्रेस नेता अरविंद बागड़ी का नाम तय किया गया, लेकिन नाम की घोषणा होने के चंद मिनटों बाद ही घोषित नाम को स्थगित कर नियुक्ति को होल्ड कर दिया गया.
कहा तो ये भी जा रहा है है कि मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में शहर कांग्रेस अध्यक्ष को लेकर राज्य के दो कद्दावर नेताओं के बीच वर्चस्व की लड़ाई है. इसका खामियाजा कांग्रेस पार्टी को भुगतना पड़ रहा है. बता दें कि साल के अंत में मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं.