Madhya Pradesh Election News: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश के 67 बीजेपी विधायकों की सांस अटकी हुई है. पार्टी ने विधानसभा चुनाव के लिये घोषित उम्मीदवारों की शुरुवाती चार लिस्ट में उनका नाम शामिल नहीं किया है. अब कयास लगाए जा रहे हैं कि, इनमें से आधे से अधिक विधायकों का टिकट कट सकता है. ये वे नाम होंगे जो सरकार और संगठन के अलग-अलग सर्वे में पिछड़ गए हैं. कहा जा रहा है कि, उनकी जगह पार्टी नए लोगों को मौका देकर जनता की नाराजगी दूर करने की कोशिश करेगी.
बता दें कि, जिन 67 विधायकों का टिकट रोककर रखा गया हैं, उनमें 9 मंत्री भी शामिल हैं. इसी तरह 29 ऐसे वर्तमान विधायक हैं, जो दो से छह बार तक चुनाव जीतकर विधानसभा में पहुंचे हैं. वहीं जो टिकट के इंतजार में बैठे है, उनमें पांच बार के एमएलए सीतासरन शर्मा प्रमुख हैं. वे शिवराज सरकार के पिछले कार्यकाल में विधानसभा अध्यक्ष भी रह चुके हैं. इसी तरह 6 बार के विधायक और पूर्व मंत्री पारस जैन का टिकट भी होल्ड पर है. मौजूदा विधायकों की इस सूची में पूर्व मंत्री सुरेंद्र पटवा, महेंद्र हार्डिया, देवीसिंह सैयाम और हरिशंकर खटीक भी शामिल हैं. अपने समय के दिग्गज नेता स्व. विक्रम वर्मा की पत्नी नीना वर्मा और राजेंद्र पांडेय जैसे नेताओं के नाम भी चौथी सूची में जगह नहीं पा सके हैं.
57 विधायकों को पार्टी ने दिया टिकटगौरतलब है कि, मध्य प्रदेश में बीजेपी उम्मीदवारों की चौथी सूची में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित 57 विधायकों को पार्टी ने टिकट दे दिया, लेकिन जिन विधायकों के नाम इस सूची में नहीं हैं उन पर टिकट कटने की तलवार लटकने लगी है. बीजेपी ने अभी तक 60 मौजूदा विधायकों में से सिर्फ तीन के टिकिट काटे हैं. इन तीन में से दो विधायक वे हैं, जिनकी जगह पर सांसदों को उतारा गया है.
इन लोगों का भी कटा टिकटदरअसल, सीधी से सांसद रीति पाठक को विधायक केदार शुक्ला के स्थान पर उम्मीदवार बनाया गया है. वहीं नरसिंहपुर से केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल को उनके छोटे भाई जालम सिंह पटेल का टिकट काटकर मैदान में उतारा गया है. इसी तरह इंदौर से पार्टी में राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को उनके विधायक बेटे आकाश विजयवर्गीय का टिकट रोककर उम्मीदवार बनाया गया है. अब माना जा रहा है कि आकाश विजयवर्गीय का टिकट भी अधर में लटक गई है.